जेनेटिक टेस्टिंग एक ऐसा टेस्ट है जो यह पता लगा सकता है कि किसी व्यक्ति में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा अधिक है या नहीं. यह टेस्ट कुछ खास जीन्स में बदलावों को देखकर किया जाता है, जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं. जेनेटिक टेस्टिंग के परिणामों के आधार पर, डॉक्टर यह तय कर सकते हैं कि व्यक्ति को ब्रेस्ट कैंसर का जल्दी पता लगाने के लिए किन जांचों की आवश्यकता है. डॉक्टर यह भी तय कर सकते हैं कि व्यक्ति को ब्रेस्ट कैंसर को रोकने के लिए कोई उपाय करने की आवश्यकता है या नहीं, जैसे कि मास्टेक्टोमी या कीमो प्रिवेंशन.
जेनेटिक टेस्टिंग एक नया और विकसित हो रहा क्षेत्र है. जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ेगी, यह परीक्षण अधिक सटीक और सुलभ होगा. इससे ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम और उपचार में और सुधार होगा. न्यूबर्ग सेंटर फॉर जीनोमिक सेंटर के मॉलिक्यूलर ऑन्कोपैथोलॉजिस्ट डॉ. कुंजल पटेल के अनुसार, जेनेटिक टेस्टिंग पारिवारिक पैटर्न की पहचान करने में सहायक हो सकता है. यदि किसी व्यक्ति का कैंसर से संबंधित जीन उत्परिवर्तन का टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो परिवार के अन्य सदस्यों को भी टेस्ट से गुजरना पड़ता है. डॉ. कुंजल ने बताया कि बीमारी का शीघ्र पता लगाने से न केवल व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है, बल्कि उन लोगों की भी जान बचाई जा सकती है जिनके जेनेटिक रिस्क फैक्टर समान हैं.जेनेटिक टेस्टिंग के अन्य फायदेजेनेटिक टेस्टिंग व्यक्तिगत उपचार योजना में भी मदद करता है. मरीज के ट्यूमर के जेनेटिक प्रोफाइल को समझने से लक्षित चिकित्सा के बारे में जानकारी मिल सकती है, जो पारंपरिक उपचारों की तुलना में अधिक प्रभावी और कम आक्रामक हो सकती है. इसके परिणामस्वरूप बेहतर रिजल्ट और जीवन की गुणवत्ता अच्छी होगी.
No conclusive data linking higher AQI to lung diseases: Govt
In his reply, the minister said dedicated training modules have been developed in the area of air pollution…

