What is Buergers Disease Factors symptoms Blue Black Hand Foot Fingers diagnosis Prevention Treatment | हाथों और पैरों की उंगलियों का रंग बदलकर काला-नीला कर देती है ये बीमारी, लक्षण देखकर ही आ जाएगा खौफ

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What is Buergers Disease Factors symptoms Blue Black Hand Foot Fingers diagnosis Prevention Treatment | हाथों और पैरों की उंगलियों का रंग बदलकर काला-नीला कर देती है ये बीमारी, लक्षण देखकर ही आ जाएगा खौफ



What is Buerger’s Disease: बुर्जर डिजीज, जिसे थ्रोम्बोएंजाइटिस ऑब्लिटेरेंस (Thromboangiitis Obliterans) भी कहा जाता है, एक रेयर लेकिन सीरियस वैस्कुलर बीमारी है. इसमें शरीर की छोटी और मिडियम साइज के ब्लड वेसेल्स, खासतौर पर हाथ और पैर की नसें सूज जाती हैं और उनमें ब्लड क्लॉट (थक्का) बन जाता है. इसके कारण ब्लड फ्लो रुक जाता है और ऑर्गन्स को भरपूर ऑक्सीजन नहीं मिलती, जिससे टिशू डैमेज या गैंगरीन तक हो सकता है.
बुर्जर डिजीज क्यों होता है?इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान (स्मोकिंग) है. सिगरेट (Cigarette), बीड़ी, हुक्का या किसी भी रूप में तंबाकू सेवन करने वालों में इसका खतरा बहुत ज्यादा होता है. निकोटिन शरीर की नसों को सिकोड़ता है और उनमें सूजन पैदा करता है, जिससे ब्लड फ्लो बाधित हो जाता है.

क्यों होता है बुर्जर डिजीज?
1. हद से ज्यादा स्मोकिंग या तंबाकू का सेवन
2. निकोटिन से बॉडी का इम्यून रिएक्शन
3. जेनेटिक या ऑटोइम्यून फैक्टर (कुछ मामलों में)
4. ज्यादातर पुरुषों में और 20-45 साल की उम्र के युवाओं में ये बीमारी पाई जाती है

बुर्जर डिजीज के लक्षण क्या हैं?
शुरुआत में इसके लक्षण हल्के हो सकते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कंडीशन सीरियस हो सकते है. इसके इशारे हैं-
1. हाथों (Hand) या पैरों (Feet) में ठंडापन, सुन्नता या झनझनाहट.
2. चलने पर पैरों में तेज दर्द (क्लॉडिकेशन).
3. हाथ-पैरों की उंगलियों में रंग बदलना (नीला या सफेद होना).
4. स्किन पर छोटे घाव या अल्सर बनना जो ठीक न हों.
5. गैंगरीन (टिशू डेड हो जाना) की स्थिति.
6. नसों में इंफ्लेमेशन की वजह से स्किन पर लाल धारियां
बुर्जर डिजीज का डायग्नोस कैसे किया जाता है?इस बीमारी की पहचान कई मेडिकल टेस्ट के आधार पर की जाती है. डॉक्टर पहले मरीज की स्मोकिंग हिस्ट्री और लक्षणों की समीक्षा करते हैं, फिर कुछ टेस्ट किए जाते हैं.
1. ब्लड टेस्ट: अन्य बीमारियों को बाहर करने के लिए
2. डॉप्लर अल्ट्रासाउंड: रक्त प्रवाह की स्थिति जानने के लिए
3. एंजियोग्राफी: नसों में ब्लॉकेज देखने के लिए
4. ऐलेंस टेस्ट: हथेली में ब्लड फ्लो जांचने के लिए
5. बायोप्सी (कुछ मामलों में): डायग्नोसिस एनश्योर करने के लिए
बुर्जर डिजीज का इलाज क्या है?इस बीमारी का कोई पक्का इलाज नहीं है, लेकिन सही मैनेजमेंट और लाइफस्टाइल में चेंजेज से लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है और आगे के कॉम्पलिकेशंस को रोका जा सकता है.

इसका इलाज1. स्मोकिंग तुरंत बंद करना: यह सबसे ज़रूरी कदम है.
2. ब्लड सर्कुलेशन सुधारने वाली दवाएं: जैसे वासोडाइलेटर्स
3. पेन मैनेजमेंट: दर्द कम करने की दवाएं
4. फिजिकल थेरेपी और एक्सरसाइज: ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने के लिए
5. सर्जरी: गंभीर मामलों में ब्लड वेसल बायपास या अंग हटाने (एम्प्यूटेशन) की जरूरत पड़ सकती है
6. जरूर दवाएं: ब्लड फ्लो बेहतर करने में कारगर
इसे रोका जा सकता है?बुर्जर डिजीज एक गंभीर लेकिन रोके जा सकने वाली बीमारी है, अगर कोई शख्स तंबाकू सेवन पूरी तरह से छोड़ दे. शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें और वक्त रहते डॉक्टर से सलाह लें. हेल्दी लाइफस्टाइल और स्मोकिंग से दूरी ही इस बीमारी से बचाव का सबसे असरदार तरीका है.
 
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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