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What could be the changing taste of the tongue mean from a health point of view Dysgeusia | अचानक बदल गया जुबान का स्वाद, कहीं ये गंभीर बीमारी का इशारा तो नहीं? जानिए टेस्ट चेंज होने का मतलब



Change in Tongue Taste Means: जुबान का स्वाद बदलना एक आम एहसास है, लेकिन इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जो हमारी सेहत से जुड़े होते हैं. टेस्ट का बदलना कभी-कभी मामूली और टेम्पोरेरी होता है, तो कभी ये किसी गंभीर हेल्थ कंसर्न का वॉर्निंग साइन भी हो सकता है. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि टंग का टेस्ट चेंज होने का आखिर क्या-क्या मतलब हो सकता है.
जीभ का टेस्ट बदलने का मतलब क्या हो सकता है?
1. मौसमी बीमारीजीभ के स्वाद में बदलाव का एक सामान्य कारण मौसमी बीमारियां जैसे सर्दी, जुकाम या साइनस इंफेक्शन हो सकता है. जब नाक बंद हो जाती है, तो गंध की क्षमता पर असर पड़ता है, और चूंकि टेस्ट और फ्रेगरेंस आपस में जुड़े होते हैं, इसलिए खाने का स्वाद फीका या अलग लग सकता है. ये आमतौर पर बीमारी से ठीक होने के साथ नॉर्मल हो जाता है.
2. बैड ओरल हेल्थओरल हेल्थ भी टंग के टेस्ट पर असर डाल सकता है. मसूड़ों में सूजन, दांतों की सड़न या मुंह में छाले स्वाद में बदलाव ला सकते हैं. कई बार जीभ पर सफेद परत (ओरल थ्रश) या बैक्टीरियल इंफेक्शन भी इसका कारण बनता है. यह स्थिति अक्सर खराब मौखिक स्वच्छता या कमजोर इम्यूनिटी से जुड़ी होती है।
3. न्यूट्रिशन की कमीपोषण की कमी भी स्वाद पर असर सकती है. जिंक और विटामिन बी12 जैसे न्यूट्रिएंट की कमी से टंग का टेस्ट बदल सकता है या खाने में धातु जैसा स्वाद (मेटालिक टेस्ट) महसूस हो सकता है. ये परेशानी डाइट में सुधार या सप्लीमेंट्स के जरिए ठीक की जा सकती है।
4. दवाइयों का असरकुछ दवाइयां और मेडिकल ट्रीटमेंट भी स्वाद को बदल सकते हैं. कीमोथेरेपी, एंटीबायोटिक्स या हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं लेने से मुंह में कड़वाहट या अजीब स्वाद आ सकता है. ये टेम्पोरेरी होता है और दवा बंद होने पर ठीक हो जाता है.
5. बुरी तबीयतसीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे डायबिटीज, थायराइड, या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (जैसे पार्किंसन या अल्जाइमर) भी स्वाद में बदलाव का कारण बन सकती हैं. डायबिटीज में मुंह में मीठापन या सूखापन महसूस हो सकता है, जबकि न्यूरोलॉजिकल समस्याएं टेस्ट की पहचान करने वाली नसों को प्रभावित कर सकती हैं.
6. ओल्ड एजउम्र बढ़ने के साथ टेस्ट की सेंसिटिविटी कम होना भी नेचुरल है. बुजुर्गों में टेस्ट बड्स कम एक्टिव हो जाते हैं, जिससे खाने का मजा कम लगता है. आपने बुजुर्गों को अक्सर ऐसी शिकायत करते सुना होगा.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 



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