हर साल हजारों लोग ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी का शिकार होते हैं. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिमाग की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और कई बार इसका इलाज मुश्किल हो जाता है.
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण व्यक्ति की उम्र, ट्यूमर के स्थान और उसके प्रकार के अनुसार बदल सकते हैं. लेकिन अगर इसके लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो इलाज की सफलता और मरीज की रिकवरी के चांस बेहतर हो सकते हैं. ब्रेन ट्यूमर का किन लोगों में ज्यादा खतरा होता है, यहां आप जान सकते हैं.
क्या है ब्रेन ट्यूमर?
ब्रेन ट्यूमर दो तरह के होते हैं- पहले जो सीधे दिमाग में शुरू होते हैं. दूसरा जो फेफड़े या ब्रेस्ट में शुरू होकर दिमाग में फैलते हैं. ब्रेन ट्यूमर को उनकी ग्रोथ की स्पीड और वापस आने की संभावना के आधार पर 4 ग्रेड में बांटा जाता है। ग्रेड 1 और 2 को लो ग्रेड (कम खतरनाक) और ग्रेड 3 व 4 को हाई ग्रेड (अधिक खतरनाक) माना जाता है. हर ब्रेन ट्यूमर कैंसर नहीं होता है, कुछ बेनाइन भी होते हैं.
इन 4 लोगों में ब्रेन ट्यूमर का खतरा ज्यादा
बुजुर्ग
ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में इसका खतरा अधिक होता है. ग्लायोब्लास्टोमा और मेनिन्जियोमा जैसे ट्यूमर इस उम्र में ज्यादा देखने को मिलते हैं.
रेडिएशन के संपर्क में आने वाले लोग
जिन लोगों को सिर पर रेडिएशन थेरेपी दी गई हो, या जो रेडिएशन वाले क्षेत्र में काम करते हों, उन्हें ब्रेन ट्यूमर का खतरा अधिक होता है. बच्चों में कैंसर के इलाज के दौरान दी गई रेडिएशन थेरेपी से भविष्य में ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ सकता है.
मोटापा से ग्रस्त लोग
मेनिन्जियोमा जैसे ट्यूमर का खतरा मोटे या ओवरवेट लोगों में अधिक देखा गया है. ‘कैंसर रिसर्च यूके’ के अनुसार, करीब 2% ब्रेन ट्यूमर के मामले मोटापे से जुड़े होते हैं.
रेयर जेनेटिक सिंड्रोम
कुछ अनुवांशिक रोग जैसे न्यूरोफाइब्रोमेटोसिस टाइप 1 और 2, ट्यूबरस स्क्लेरोसिस, ली-फ्रौमनी सिंड्रोम, टर्नर सिंड्रोम, और वॉन हिप्पेल-लिंडौ सिंड्रोम से पीड़ित लोगों में ब्रेन ट्यूमर का खतरा अधिक होता है.
जेनेटिक कारक
अगर किसी के परिवार में ब्रेन ट्यूमर या संबंधित कैंसर के मामले रहे हैं, तो उस व्यक्ति में भी ट्यूमर विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है, भले ही कोई स्पष्ट जेनेटिक सिंड्रोम न हो.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.