क्या आपने कभी गौर किया है कि आपकी हाथों की पकड़ पहले जितनी मजबूत नहीं रही? यह छोटी सी बात आपकी सेहत के बारे में बड़ा संकेत दे सकती है. हाल के शोधों ने खुलासा किया है कि हाथों की कमजोर ग्रिप, जिसे ग्रिप स्ट्रेंथ भी कहा जाता है, कई गंभीर और घातक बीमारियों का लक्षण हो सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है, और समय रहते जांच करवाना बेहद जरूरी है.
हाथों की पकड़ की ताकत न केवल मांसपेशियों की शक्ति को दर्शाती है, बल्कि यह पूरी सेहत का भी एक महत्वपूर्ण संकेतक है. शोध के अनुसार, कमजोर ग्रिप स्ट्रेंथ दिल की बीमारी, दिमाग की कमजोरी, मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बीमारी और यहां तक कि मृत्यु दर के बढ़ते खतरे से जुड़ी हो सकती है. क्लीवलैंड क्लिनिक के एक अध्ययन में बताया गया कि यह समस्या गिरने, हड्डी टूटने और पुरानी बीमारियों के खतरे को भी बढ़ा सकती है. यह न केवल बुजुर्गों में, बल्कि युवाओं में भी देखी जा सकती है, जो किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकती है.
रिपोर्ट क्या कहता है?हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कमजोर पकड़ दिल की सेहत, ब्रेन के काम, पोषण स्थिति और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याओं को दर्शा सकती है. मिशिगन मेडिसिन के शोध में भी पाया गया कि यह वयस्कों में मेटाबॉलिज्म डिजीज और शारीरिक अक्षमता का एक मजबूत संकेतक है. अगर आपकी ग्रिप स्ट्रेंथ में 11% से अधिक की गिरावट आती है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है.
क्या करें?डॉक्टरों का सुझाव है कि अगर आपको लगता है कि आपकी पकड़ कमजोर हो रही है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. ग्रिप स्ट्रेंथ को मापने के लिए डायनामोमीटर का उपयोग किया जाता है, जो एक सरल और प्रभावी तरीका है. इसके अलावा, कुछ आसान व्यायाम, जैसे हाथों की गेंद को दबाना या रेजिस्टेंस बैंड का उपयोग, ग्रिप स्ट्रेंथ को बेहतर करने में मदद कर सकते हैं. द गार्जियन की एक रिपोर्ट में बताया गया कि नियमित व्यायाम न केवल पकड़ को मजबूत करते हैं, बल्कि पूरी सेहत को भी बढ़ावा देते हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.