Water Retention Meaning In Hindi: ह्यूमन बॉडी लगभग 60% पानी से बना है. इससे हमारे अंगों, जोड़ों और टिश्यू की रक्षा होती है. साथ ही यह पाचन, अवशोषण और पोषक तत्वों को सभी हिस्सों में पहुंचाने में भी मदद करता है. लेकिन जब मात्रा में जमा हो जाए तो इस कंडीशन को वाटर या फ्लूड रिटेंशन कहते हैं.
शरीर में पानी भरने का क्या कारण है? वॉटर रिटेंशन एडिमा, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम, मोटापा, हार्मोनल चेंजेस, प्रेग्नेंसी, मेनोपॉज, के कारण होता है. इसके अलावा कुछ फूड्स भी हैं जो शरीर में पानी के लेवल को जरूरत से ज्यादा करने का काम करते हैं. ऐसा इनमें मौजूद इंफ्लेमेशन गुण के कारण होता है जो फ्लुड लेवल को रेगुलेट करने की बॉडी की नेचुरल एबिलिटी को कम कर देता है. 
प्रोसेस्ड फूड्स
NCBI की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे प्रोसेस्ड फूड्स जिनमें सोडियम या एडेड शुगर की मात्रा एक्स्ट्रा होती है उसे खाने से बॉडी में पानी जमा होने लगता है.  इसमें चिप्स, हॉट डॉग, कुकीज, केक, आइस्क्रिम, फ्रोजन मील जैसे फूड्स शामिल हैं.
एल्कोहल
एल्कोहल यूरिन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है. ऐसे में इसके ज्यादा सेवन से बॉडी में वाटर रिटेन होने लगता है जिसके कारण लीवर के भी डैमेज होने का खतरा रहता है. यदि आप शराब के दौरान पानी नहीं पीते हैं तो इससे आपकी बॉडी डिहाइड्रेट होने लगती है और बॉडी में पानी भर जाता है.
नमकीन फूड्स
NIH में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादा नमक वाले फूड्स खाने से बॉडी में पानी जमा होने लगता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादा मात्रा में नमक बॉडी में वॉटर- सोडियम के बैलेंस को डिस्टर्ब कर देता है. इसमें पैकेज्ड फूड्स, अचार, आदि शामिल हैं.
ज्यादा चीनी वाले फूड्स
नमक की तरह ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन भी वॉटर रिटेंशन का कारण बनता है. ऐसे में यदि आप फ्रूट्स जूस, स्पोर्ट ड्रिंक, शुगर एडेड कॉफी-टी जैसी चीजों का सेवन कर रहे हैं तो आपकी बॉडी में भी पानी जमाव हो सकता है.
रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट
पास्ता, सफेद चावल, ब्रेड, सीरिल जैसे रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाले फूड्स के सेवन से बॉडी में वाटर रिटेंशन की समस्या होने का जोखिम बढ़ जाता है. 
वॉटर रिटेंशन होने पर दिखते हैं ये लक्षण
अचानक वजन बढ़नापैर-हाथ और पेट में सूजनहाथ-पैर में दर्द जोड़ों में जकड़नब्लोटिंगफेस और हिप्स का फूलना

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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