40 की उम्र के बाद आपका शरीर कई तरह के बदलावों से गुजरता है. इस उम्र में हार्ट और मोटापे को लेकर काफी लोग अवेयर रहते हैं, लेकिन किडनी की सेहत को लेकर तब तक सीरियस नहीं होते हैं, जब तक कि कोई परेशानी न होने लगे.
विशेषज्ञों के अनुसार, किडनी कैंसर का खतरा बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता है और इसका समय रहते पता चलना बेहद जरूरी है. क्योंकि कैंसर हर गुजरते समय के साथ जानलेवा बनता जाता है.
क्या है किडनी कैंसर
किडनी कैंसर, जिसे रीनल सेल कार्सिनोमा कहा जाता है, तब होता है जब किडनी में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं. आमतौर पर इसके शुरुआती चरण में कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देते, लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, कुछ संकेत नजर आने लगते हैं.
किडनी कैंसर के शुरुआती लक्षण
– पेशाब का रंग गुलाबी, लाल या भूरा हो सकता है.- पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द.- बिना डाइटिंग या एक्सरसाइज अचानक वजन कम होना.- बिना कारण लगातार कमजोरी या थकावट महसूस होना.- पेट, टांगों या टखनों में सूजन आना.- बार-बार पेशाब आना खासतौर पर रात के समय. – बिना वजह बुखार या रात को पसीना आना.
किडनी कैंसर होने के कारण
किडनी का कैंसर जेनेटिक कारणों के साथ मोटापा, खराब लाइफस्टाइल, स्मोकिंग-शराब का सेवन, हाई ब्लड प्रेशर, डिहाइड्रेशन की वजह से होता है.
किडनी के कैंसर से बचाव
किडनी में कैंसर को बनने से रोकने के लिए मोटापा के कंट्रोल रखना और रेगुलर एक्सरसाइज करना जरूरी है. इसके साथ ही नशीले पदार्थों से परहेज, हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लेना, पर्याप्त पानी का सेवन, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना चाहिए. साथ ही 40 साल के बाद रेगुलर हेल्थ चेकअप कराते रहना जरूरी है.
किडनी कैंसर का इलाज
किडनी कैंसर का शुरुआती स्टेज पर इलाज आसान होता है. क्योंकि 4 स्टेज तक पहुंचने तक यह कैंसर आसपास के अंगों में फैलने लगता है, जिसके बाद इसे हटाना मुश्किल हो जाता है. जबकि पहले स्टेज में टारगेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और कीमोथेरेपी जैसी तकनीकों से रोगी को राहत दी जा सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)