walking 7000 steps daily can reduces risk of depression and dementia | 7000 कदम चलने डिमेंशिया और डायबिटीज का रिस्क हो सकता है कम, स्टडी में हुआ खुलासा!

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walking 7000 steps daily can reduces risk of depression and dementia | 7000 कदम चलने डिमेंशिया और डायबिटीज का रिस्क हो सकता है कम, स्टडी में हुआ खुलासा!



द लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, रोजाना 7,000 कदम चलने से कैंसर, डायबिटीज, डिप्रेशन, डिमेंशिया जैसे गंभीर स्वास्थ्य खतरों को कम किया जा सकता है. अध्ययन में 57 शोधों का विश्लेषण किया गया, जिसमें 1,60,000 से अधिक वयस्कों के डेटा शामिल थे.
7,000 कदम चलने से इन बीमारियों से मिल सकता है निजात अध्ययन में पाया गया कि रोज 7,000 कदम चलने से हृदय रोग का खतरा 25 प्रतिशत, कैंसर 6 प्रतिशत, टाइप 2 डायबिटीज 14 प्रतिशत, डिमेंशिया 38 प्रतिशत, डिप्रेशन 22 प्रतिशत और गिरने की घटनाएं 28 प्रतिशत तक कम हो सकती हैं. साथ ही मृत्यु का जोखिम करीब 50 प्रतिशत तक घट सकता है.वर्तमान में 10,000 कदम रोजाना का अनौपचारिक लक्ष्य माना जाता है, लेकिन अध्ययन में कहा गया है कि 7,000 कदम का लक्ष्य कम सक्रिय लोगों के लिए अधिक व्यावहारिक है.
7,000 कदम चलना है बेहद सेहतमंद ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी के चार्ल्स पर्किन्स सेंटर के प्रोफेसर डिंग डिंग ने बताया, ”हालांकि 10,000 कदम सक्रिय लोगों के लिए उपयुक्त हो सकता है, लेकिन 7,000 कदम रोजाना स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार लाता है और यह सामान्य लक्ष्य है.” अध्ययन में यह भी सामने आया कि केवल 4,000 कदम रोजाना चलने से भी 2,000 कदम की तुलना में बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं. हृदय रोग जैसे कुछ मामलों में 7,000 कदम से अधिक चलने से लाभ मिलता है, लेकिन ज्यादातर बीमारियों में लाभ इस स्तर पर स्थिर हो जाता है. स्टडी में खुलासा शोधकर्ताओं ने कुछ सीमाओं को भी स्वीकार किया. माना कि कैंसर और डिमेंशिया पर हमारा अध्ययन सीमित, आयु-से जुड़े विशिष्ट विश्लेषण की कमी जैसे कारणों से प्रभावित है. फिर भी, यह अध्ययन रोजाना कदमों को गिनने को शारीरिक गतिविधि मापने का एक सरल तरीका बताता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि ये निष्कर्ष भविष्य में पब्लिक हेल्थ गाइडलाइंस को आकार दे सकता है. ये एक आसान और प्रैक्टिकल समाधान है जो लोगों को पैदल चलने के लिए प्रेरित कर सकता है.
इनपुट-आईएएनएस
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है.  Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत या स्किन से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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