Last Updated:August 18, 2025, 07:30 ISTGoat Farming: संगमनेरी नस्ल की बकरी का दूध औषधि और मांस स्वादिष्ट होता है, जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. यह नस्ल महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार और एमपी में पाई जाती है.सौरभ वर्मा/ रायबरेली: बदलते समय के साथ ही लोग खेती किसानी के साथ पशुपालन का काम करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. जिसमें कुछ लोग गाय भैंस पालन कर रहे हैं. तो कुछ बकरी पालन का काम करके अपनी आय बढ़ा रहे हैं. बकरी पालन करने वाले पशुपालक किसानों के लिए यह खबर बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि आज हम उन्हें बकरी की एक खास नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे बकरी पालन करने वाले पशुपालक किसान इस नस्ल की बकरी का पालन करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. दरअसल हम जिस खास नस्ल की बकरी के बारे में बात कर रहे हैं, उस नस्ल की बकरी को संगमनेरी प्रजाति की बकरी के नाम से जाना जाता है. जिसके दूध और मांस की बाजारों में खूब मांग रहती है. इसी वजह से यह किसानों को अधिक मुनाफा देती है. तो आइए पशु विशेषज्ञ से जानते हैं इस खास नस्ल की बकरी के बारे में .
रायबरेली के राजकीय पशु चिकित्सालय शिवगढ़ के प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ इंद्रजीत वर्मा (एमवीएससी वेटरिनरी) लोकल 18 से बात करते हुए बताते हैं कि संगमनेरी प्रजाति की बकरी का दूध औषधि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है. तो वहीं इसका मांस खाने में बेहद स्वादिष्ट और उच्च गुणवत्ता वाला होता है. इसी वजह से बाजारों में इसकी खूब मांग रहती है.
ऐसे करें इस खास नस्ल की बकरी की पहचान
वह बताते हैं कि इस नस्ल की बकरी के बाल छोटे, घने सीधे होते हैं. कान लंबे आकार के और झुके हुए, इसकी लंबाई भी मध्यम आकार की होती है. इसका रंग सफेद एवं भूरा होता है तो इसके शरीर पर भूरे-काले रंग के धब्बे होते हैं. इसकी पूंछ छोटी और पतली होने के साथ ही ऊपर की ओर उठी रहती है. तो वहीं थन छोटे गोल शंक्वाकार होते हैं. इनके (नर व मादा ) के सींग पीछे की ओर मुड़े हुए होते हैं. माथे पर गुच्छा बना होने के साथ जांघ पर भी लंबे बाल होते हैं. इसी के साथ ही वह बताते हैं कि नर बकरी का वजन न्यूनतम 35 से अधिकतम 60 किलोग्राम, तो मादा बकरी का वजन न्यूनतम 25 से अधिकतम 42 किलोग्राम तक होता है. इनकी एक खासियत यह भी होती है कि यह 13 से 14 महीने के अंतराल पर ही प्रजनन करना शुरू कर देती हैं. वहीं इस नस्ल की अधिकतर बकरियां जुड़वा बच्चों को ही जन्म देती हैं.
इन जगहों पर होता है इनका पालन
डॉ इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि संगमनेरी प्रजाति की बकरी महाराष्ट्र के पुणे ,नासिक ,सोलापुर और धुले जिलों के साथ ही पंजाब हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में भी पाई जाती है. आगे की जानकारी देते हुए बताते हैं कि इस खास नस्ल की बकरी के दूध और मांस की बाजारों में अधिक मांग होने के कारण इसकी कीमत भी अन्य बकरियों की तुलना में अधिक होती है. इस नस्ल के नर बकरे कीमत 300 से 350 रुपए प्रति किलोग्राम तो वहीं मादा बकरी की कीमत 275 से 300 रुपए प्रति किलो ग्राम तक है.Lalit Bhattमीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क मे…और पढ़ेंमीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क मे… और पढ़ेंLocation :Rae Bareli,Rae Bareli,Uttar PradeshFirst Published :August 18, 2025, 07:26 ISThomeagriculture24 कैरेट सोना है यह खास नस्ल की बकरी! पाल लिया तो बन जाएंगे मालामाल