Vitiligo Myths and Facts: अगर स्किन कंडीशन का कोई मरीज हमारे आसपास आ जाता है, तो हम एकदम असहज हो जाते हैं और अजीब बर्ताव करने लगते हैं. ऐसे ही सफेद दाग से पीड़ित व्यक्ति के साथ होता है. लोगों को लगता है कि सफेद दाग छूने से फैलते हैं, लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है? यही जानने के लिए हमने जेपी हॉस्पिटल की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. साक्षी श्रीवास्तव से सफेद दाग से जुड़े सच और झूठ जानने की कोशिश की. मगर उससे पहले आपको बता दें कि सफेद दाग को अंग्रेजी में विटिलिगो कहा जाता है. आइए अब विटिलिगो से जुड़े मिथ और फैक्ट जानते हैं.
1. विटिलिगो और ल्यूकोडर्मा एक ही चीज हैविटिलिगो और ल्यूकोडर्मा दोनों ही सफेद दाग की समस्या हैं. लेकिन विटिलिगो एक ऑटोइम्यून कंडीशन है, जो बिना किसी प्री-एग्जिटिंग कंडीशन के हो सकती है. वहीं, ल्यूकोडर्मा एक लक्षण या आफ्टर-इफेक्ट होता है, जो विटिलिगो, lichen sclerosis, systemic sclerosis, घाव के बाद होने वाला निशान हो सकता है. स्किन में एपिडर्मल मेलानिन के कम हो जाने के कारण सफेद दाग पड़ जाते हैं.
2. कुछ चीजों को खाने के कारण हो सकते हैं सफेद दागलोगों को लगता है कि सफेद फूड व खट्ठे फल खाने या मछली के तुरंत बाद दूध पीने के कारण सफेद दाग होते हैं. हालांकि, डॉक्टर के मुताबिक इस चीज का कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है.
3. छूने से फैलते हैं सफेद दागडॉक्टर के मुताबिक, सफेद दाग (विटिलिगो) संक्रामक नहीं है. यह समस्या छूने, पर्सनल चीजें शेयर करने या स्लाइवा के द्वारा नहीं फैलता है.
4. सफेद दाग का इलाज 100 प्रतिशत हो सकता हैएक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसा शर्तिया तरीके से नहीं कहा जा सकता है कि सफेद दाग का इलाज सौ प्रतिशत उपलब्ध है. इस स्किन कंडीशन का इलाज मुश्किल और धीमा है. वहीं, विटिलिगो कई प्रकार का हो सकता है और इलाज का प्रभाव भी अलग हो सकता है.
5. विटिलिगो की जांच मुश्किल हैविटिलिगो या सफेद दाग की जांच काफी आसान है. जो कि त्वचा पर सफेद, धारीदार जैसे पैटर्न से पहचाना जा सकता है.
6. फोटोथेरेपी से सफेद दाग का इलाज सुरक्षित नहीं है1990 के आखिरी दौर से विटिलिगो के मेडिकल मैनेजमेंट में नैरोबैंड अल्ट्रावायलेट बी (NB-UVB) को काफी प्रभावी माना जा रहा था. चूंकि, विटिलिगो पेशेंट्स में स्किन कैंसर का विकास काफी दुर्लभ देखा गया है, इसलिए सफेद दाग के मरीजों में NB-UVB के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा बाकी प्रभावों से बहुत कम है.
7. भारतीयों में सफेद दाग की समस्या आम नहीं हैडॉक्टर के मुताबिक, विटिलिगो एक ऑटो इम्यून डिजीज है, जिसका पूरे भारत में दर 0.25 से 2.25 प्रतिशत है. सफेद दाग के लक्षण 21 साल से कम उम्र में ही दिखने शुरू हो जाते हैं.
8. सफेद दाग के मरीज को शारीरिक और मानसिक समस्या हो सकती हैएक्सपर्ट कहते हैं कि विटिलिगो एक एक्सक्लूसिव स्किन डिसऑर्डर है, जिसका शारीरिक और मानसिक असक्षमताओं से कोई संबंध नहीं है.
9. सभी सफेद दाग विटिलिगो होते हैंडॉक्टर इस बात से इंकार करते हैं कि हर तरह के सफेद दाग को विटिलिगो नहीं मानना चाहिए. सफेद दाग के डिसऑर्डर्स की लिस्ट लंबी है. जिसमें से कुछ संभावित कारणों में nevus, पोस्ट-बर्न, लेप्रोसी, फंगल इंफेक्शन आदि शामिल हैं.
10. सफेद दाग आनुवांशिक होते हैंभारत और दुनिया में हुए कई शोधों के मुताबिक, विटिलिगो, टाइप-1 डायबिटीज जैसे कई रोगों आनुवांशिक कारण काफी मजबूत होते हैं. अगर आपके परिवार में किसी को यह बीमारी है, तो आपको इसके होने का खतरा ज्यादा हो सकता है.
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