Viral News : ये एप 7 सेकंड में पकड़ लेगा दिल की बीमारी, 14 साल के बच्चे ने कर दिया कमाल! | Viral News This app will detect heart disease in 7 seconds 14 year old boy did wonders

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Viral News : ये एप 7 सेकंड में पकड़ लेगा दिल की बीमारी, 14 साल के बच्चे ने कर दिया कमाल! | Viral News This app will detect heart disease in 7 seconds 14 year old boy did wonders



Viral News : जिस उम्र में बच्चे दोस्तों के साथ खेलते-कूदते हैं और वीडियो गेम्स में समय बिताते हैं, उस उम्र में एक लड़के ने कमाल कर दिखाया है. इस युवा ने एक ऐसा एप्लिकेशन विकसित किया है जो लोगों की जिंदगी बचा सकता है. यह एप्लिकेशन महज 7 सेकंड में हृदय से जुड़ी बीमारियों का पता लगा सकता है. आश्चर्य की बात यह है कि यह एप्लिकेशन बेहद सटीक है. 
Circadian AI कैसे करता है काम
न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेक्सास के फ्रिस्को शहर के 14 साल के सिद्धार्थ नंद्याला ने एक अनोखा स्मार्टफोन एप्लिकेशन तैयार किया है, जो 7 सेकंड में दिल के रोगों के शुरुआती संकेतों को पहचान लेता है. इस एप्लिकेशन का नाम Circadian AI है, जो छाती के पास स्मार्टफोन रखकर दिल की धड़कनों को रिकॉर्ड करता है, पृष्ठभूमि के शोर को हटाता है और क्लाउड-आधारित मशीन लर्निंग तकनीक के जरिए डेटा का विश्लेषण करता है. यह एप्लिकेशन अनियमित हृदय गति (एरिदमिया), हार्ट फेलियर, कोरोनरी धमनी रोग और वॉल्व से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने में सक्षम है.
18500 मरीजों पर किया प्रयोग
सिद्धार्थ का लक्ष्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के जरिए स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाना है. उन्होंने अमेरिका और भारत के अस्पतालों से डेटा इकट्ठा किया और चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस एप्लिकेशन को और बेहतर किया. क्लिनिकल परीक्षणों में 15000 अमेरिकी और 3500 भारतीय मरीजों पर इसकी जांच की गई, जिसमें इसकी सटीकता 96% से ज्यादा पाई गई. हालांकि, यह एप्लिकेशन अभी सिर्फ प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मियों के उपयोग के लिए है और EKG जैसी पारंपरिक जांच का स्थान नहीं लेता, बल्कि शुरुआती जांच के एक उपकरण के रूप में काम करता है. हृदय रोग विशेषज्ञों ने सिद्धार्थ के इस एनोवेशन की तारीफ की है, खासकर उन इलाकों के लिए जहां स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं.
यहां पढ़ते हैं सिद्धार्थ
महज 14 वर्ष की उम्र में सिद्धार्थ टेक्सास यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस के छात्र हैं. भविष्य में वे अपने एप्लिकेशन को निमोनिया और पल्मनरी एंबोलिज्म जैसी फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का पता लगाने के लिए और विकसित करना चाहते हैं. उन्होंने कहा “मेरा सपना एक ऐसा परिवर्तन लाना है जो दुनिया को बेहतर बनाए, जहां नवोन्मेषक अपने आरामदायक क्षेत्र से बाहर निकलकर कुछ असाधारण कर सकें.” 



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