Last Updated:May 20, 2025, 07:34 IST Agriculture News: मिर्जापुर मंडल में पहले बहुयायत मात्रा में चिरौंजी की खेती होती थी. मिर्जापुर और सोनभद्र में यह खेती विलुप्त हो चुकी है. सरकार खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को टिशू कल्चर पौधे द…और पढ़ें मुकेश पांडेय/मिर्जापुर : उत्तर प्रदेश के विंध्यक्षेत्र के किसान चिरौजी की खेती कर मालामाल होंगे. चिरौंजी की खेती के लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. सरकार किसानों को अनुदान पर चिरौजी के पौधे उपलब्ध कराएगी. यह पौधे सालो-साल तक खराब नहीं होंगे और पैदावार होता रहेगा. विंध्यक्षेत्र में सबसे ज्यादा चिरौजी के पौधे मिलते थे. हालांकि, अब विलुप्त हो चुके चिरौंजी की खेती को पुनः संरक्षित करने के लिए डीएम प्रियंका निरंजन ने कवायद की है. जिलाधिकारी की पहल के बाद उद्यान विभाग वृहद स्तर पर खेती कराने जा रहा है. मिर्जापुर जिले के पटेहरा विकास खंड के मड़िहान, गोपालपुर, रैकरा, जुड़िया, गढ़वा आदि जगहों पर चिरौंजी की खेती शुरू होगी. उद्यान विभाग किसानों को खेतों के मेडो पर पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रही है. जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने चिरौजी की खेती के लिए किसानों को उन्नतशील पौधे उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिये हैं. किसानों को अगले दो माह में टिशू कल्चर पौधा उपलब्ध कराया जाएगा. यह पौधे जल्दी खराब नहीं होते हैं. जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने बताया कि चिरौजी के पौधे की लंबाई 15 से 25 फीट तक होती है. पौधे का रोपण करने के बाद करीब 6 से 7 वर्षों के बाद फल आना शुरू होता है. वहीं, टिशू कल्चर पौधे पांच साल में ही फल देना शुरू कर देता है. मेवाराम ने बताया कि वर्तमान में चिरौंजी के बीज 400 रुपये किग्रा मिलता है. वहीं, प्रसंस्करण के बाद 12 सौ रुपये किलो की दर से बिक्री होती है. हमेशा बाजार में डिमांड बनी रहती है और बिक्री में भी कोई दिक्कत नहीं होती है.homeagricultureविंध्य क्षेत्र के किसान करेंगे चिरौंजी की खेती, सरकार दे रही अनुदान