Vijaysar helps in controlling diabetes know its health benefits | छाल, तना और लकड़ी, बीमारियों में सभी का होता है इस्तेमाल; कई गुणों से भरपूर है ‘विजयसार’

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Vijaysar helps in controlling diabetes know its health benefits | छाल, तना और लकड़ी, बीमारियों में सभी का होता है इस्तेमाल; कई गुणों से भरपूर है 'विजयसार'



Vijaysar Health Benefits: भारत के लोगों में तेजी से डायबिटीज (मधुमेह) के मामले बढ़ रहे हैं. खासतौर पर 35 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों में डायबिटीज का खतरा ज्यादा बढ़ गया है. इसका सबसे अहम कारण बिगड़ती लाइफस्टाइल है, जिसमें अनहेल्दी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और मोटापा डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है. हालांकि, हर बीमारी के इलाज में आयुर्वेद मेथड बेहतर मानी गई है. आयुर्वेद के अनुसार, अगर डायबिटीज से जूझ रहे मरीज ‘विजयसार’ का इस्तेमाल करते हैं, तो वह अपनी डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं.
 
भारत, श्रीलंका और नेपाल ‘विजयसार’ का पेड़ आमतौर पर भारत, श्रीलंका और नेपाल के जंगलों में पाया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, इसकी छाल, तना और लकड़ी में मौजूद औषधीय गुण ब्लड शुगर को कंट्रोल करने, इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने और डायबिटीज से जुड़ी परेशानियों को कम करने में मददगार साबित होते हैं.
 
विजयसार का इस्तेमालअब सवाल यह है कि विजयसार का इस्तेमाल करने के लिए इसकी छाल, तना कहां से लाएं. इसका जवाब है कि अगर आपको इसकी छाल, तना नहीं मिल रहा है तो आप बाजार से विजयसार की लकड़ी का बना गिलास खरीदकर लाएं. आप इसमें रात को पानी भर दें और सुबह उठकर खाली पेट पिएं. इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में आ सकता है. विजयसार की छाल का पाउडर (1-2 चम्मच) पानी या शहद के साथ दिन में एक बार लें. छाल को पानी में उबाल लें और काढ़ा तैयार करें. जरूरत के हिसाब से इसे दिन में एक बार जरूर पिएं. खाली पेट पीने से इसका लाभ ज्यादा होता है.
 
डाइबिटीज में कारगररिसर्चर्स के अनुसार, विजयसार ब्लड शुगर को कम करने और इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने में असरदार है. इसके एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण डाइबिटीज से होने वाली जटिलताओं जैसे न्यूरोपैथी और रेटिनोपैथी को कम करते हैं.
 
डॉक्टर की सलाह जरूरीहालांकि, अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और इसे कंट्रोल करने के लिए विजयसार का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. क्योंकि, जल्दी लाभ पाने के चक्कर में कई बार मरीज इसका ज्यादा सेवन कर लेते हैं, जिससे दस्त और पेट में जलन की शिकायत बढ़ जाती है.
 
इन लोगों को करना चाहिए परहेजगर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के इसका इस्तेमाल न करें. अगर आप पहले से कोई एलोपैथिक दवा ले रहे हैं तो शुगर लेवल कंट्रोल रूप से चेक करते रहें. कभी-कभी शुगर बहुत कम भी हो सकती है, इसलिए डॉक्टर की सलाह से दवाओं की मात्रा ऍडजेस्ट करें.–आईएएनएसडीकेएम/केआर
 
Disclaimerयहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



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