Uttar Pradesh

वेस्ट मैनेजमेंट: ईको ब्रिक से बने ‘सोफे’ ने लूटी वाहवाही, मेरठ की लड़कियों ने किया कमाल



हाइलाइट्सछात्राओं ने ईको ब्रिक का उपयोग करके बनाया खूबसूरत सोफा.ईको ब्रिक या ईंट वेस्ट को मैनेज करने का बेहतर विकल्प. मेरठ. वेस्ट मैनेजमेंट के जरिए पर्यावरण को काफी हद तक संरक्षित किया जा सकता है. ये बात आपने कई बार सुनी होगी लेकिन बहुत कम लोग हैं, जो इस दिशा में सोचते भी हैं. उत्तर प्रदेश के मेरठ की कुछ छात्राओं ने ना सिर्फ इस दिशा में सोचा बल्कि वेस्ट को मैनेज करके एक खूबसूरत सोफा भी तैयार किया. जब इन छात्राओं ने इस सोफे को पर्यवारण संरक्षण से जुड़ी कार्यशाला में प्रस्तुत किया तो सभी ने इसकी सराहना की. ऐसे में आइए आपको बताते हैं इसके खास क्रिएशन के बारे में…
पर्यावरण संरक्षण को लेकर मेरठ के श्री मल्हू सिंह कन्या इंटर कॉलेज की छात्राओं ने अनूठी पहल की. इन छात्राओं ने ईको ब्रिक का उपयोग करके एक खूबसूरत सोफा तैयार किया. यह ईको फ्रेंडली सोफा ना सिर्फ बैठने में आरामदायक है बल्कि यह पर्यावरण को संरक्षित करने में भी सहायक है. कॉलेज की छात्राओं ने इस सोफे को ईको ब्रिक के जरिए तैयार किया है. छात्राओं ने इस सोफे को पर्यवारण संरक्षण कार्यशाला में प्रदर्शित किया.
क्या है ईको ब्रिकईको ब्रिक या ईंट वेस्ट को मैनेज करने का एक बेहतर विकल्प है. इसमें खाली बोतलों के अंदर अनुपयोगी कचरा जैसे प्लास्टिक थैली, चिप्स पैकेट, खाली प्लास्टिक गिलास, उपयोग की हुई स्ट्रॉ आदि को भरा जाता है. यह कचरा तब तक भरा जाता है, जब तक बोतल पूरी तरह से टाइट ना हो जाए. इसे और मजबूत करने के लिए इसमें थोड़ी मिट्टी भी भर दी जाती है. इस ईको ​ब्रिक का प्रयोग घर बनाते समय, रोड बनाने में या अन्य किसी कंस्ट्रक्शन वर्क में किया जा सकता है. यह ना सिर्फ काफी मजबूत होती है बल्कि इसके जरिए काफी हद तक कचरे को फैलने से रोका जा सकता है.
पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेशइस कार्यशाला के दौरान एक नाटक भी प्रस्तुत किया गया जिसके जरिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया. साथ ही महिलाओं को पेड़ पौधों के प्रति जागरूक होने के लिए कहा गया क्योंकि उनके कारण पूरे परिवार में पर्यावरण को लेकर जागरूकता आएगी. कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. नीरा तोमर ने कहा कि बेटियां आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और वे पर्यावरण की दिशा में काफी काम कर रही हैं. पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की ही नहीं हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है.
बता दें कि जन आंदोलन वृक्षारोपण 2022 को लेकर मेरठ के विकास खंड जानी खुर्द के गांव घाट में ग्राम समाज की भूमि पर वन विभाग ने एक हैक्टेयर में 1100 विभिन्न फलदार एवं औषधीय पौधों (आम, अमरूद, अनार, मोलश्री, पीपल, बरगद, पाकड, आंवला, बेर,बांस करौंदा आदि) का रोपण कर शक्तिवन की स्थापना की है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: CM Yogi, Eco Friendly, Meerut news, Plastic waste, UP news, Yogi governmentFIRST PUBLISHED : July 10, 2022, 22:43 IST



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