Uttar Pradesh

Very beautiful foreign birds are available in this market of Saharanpur – News18 हिंदी



निखिल त्यागी/सहारनपुरः पक्षी पालना भी आदिकाल से ही मनुष्य की पसन्द व शौक रहा है. इसमें तोता, कबूतर, तीतर, चिड़िया आदि को पिंजरे में रखा जाता है. इन पंछियों का व्यापार भी किया जाता है. सहारनपुर जिले में मशहूर कम्बो पुल के निकट भी एक बाजार में तरह-तरह के सुंदर पंछियों का व्यापार होता है. इस बाजार में स्वदेशी ही नही, बल्कि विदेशी चिड़िया भी बेची जाती हैं.

सहारनपुर में कम्बो के पुल नामक स्थान पर पंछियों का बाजार लगता है. जहां पर विभिन्न प्रजाति के पंछी मिल जाते हैं. इनका व्यापार करने वाले लोग वर्षो से यही काम कर रहे हैं. रिफाकत हुसैन नाम के व्यापारी का कहना है कि वह सन 1975 से यही काम कर रहा है. रिफाकत ने बताया कि एक बार वह दिल्ली गए थे वहां पर उन्होंने एक बाजार में पक्षियों को खरीदने बेचने का काम देखा, तब उन्होंने भी दिल्ली से ही पंछी लाकर सहारनपुर में यह काम शुरू किया था. कम्बो के पुल पर कई अन्य लोग भी विभिन्न प्रजाति के पंछियों को बेचने का काम कर रहे हैं.

इन प्रजातियों के पंछी मिलते हैंव्यापारी रिफाकत ने बताया कि जिले में चल रहे इस बाजार में विदेशी प्रजाति के पंछी मिलते हैं. जैसे जेब्रा फिंच, अस्ट्रेलिया, अफ्रीका आदि देशों की चिड़िया मिल जाती है. रिफाकत हुसैन ने बताया कि इस कारोबार से उनके घर का खर्च चल रहा है. व्यापारी के अनुसार यदि कोई ग्राहक चिड़िया का जोड़ा खरीद कर ले जाता है तो उनसे पैदा होने वाले बच्चों को वह बाजार में बेचकर चला जाता है. रिफाकत ने बताया कि प्रति पंछी वह करीब तीन सौ के हिसाब से ग्राहक को बेचते हैं.

पंछी पालना राजा महाराजा के शौख हुआ करता थापक्षियों का कारोबार करने वाले रिफाकत हुसैन ने बताया कि पंछी को पालना पहले के जमाने में राजा महाराजाओं का शौक हुआ करता था. अधिकतर राजा महाराजा तोता, मैना व कबूतर पालने का शौक रखते थे. उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्ग इंदिरा गांधी के गुरु धीरेंद्र आचार्य को भी पंछी पालने का शौक था. जिनके संपर्क में आने के बाद रिफाकत ने भी कारोबार शुरू किया था.
.Tags: Bird, Business, Local18, Saharanpur newsFIRST PUBLISHED : October 6, 2023, 20:24 IST



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