वाराणसी के नाटी इमली में 482 साल पुराना भरत मिलाप होने जा रहा है, जिसमें दशहरा के अगले दिन यानी 3 अक्टूबर को 2 मिनट की लीला के दीदार के लिए लाखों श्रद्धालु जुटेंगे. यह मेला वाराणसी के लक्खा मेले में शुमार है और नाटी इमली के मैदान के अलावा आस पास के सभी घरों के छत पर भी भक्तों की भारी भीड़ होती है.
इस भरत मिलाप में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जिसमें आसमान से कमिश्नरेट पुलिस पल-पल की नजर रखेगी. ड्रोन कैमरे के जरिए पुलिस भीड़ प्रबंधन पर नजर रखेगी और सुरक्षा से जुड़े हर छोटे बड़े पहलुओं पर भी उनकी विशेष निगरानी होगी. इसके अलावा मैदान के आस पास रूफ टॉप फोर्स की तैनाती होगी. इस दौरान पुलिसकर्मी वायरलेस सेट और बायनाक्यूलर जैसे अन्य उपकरण से लैस होंगे. इसके अलावा कमांड सेंटर से जुड़े सभी कैमरों के सीसीटीवी फुटेज पर भी पुलिस की नजर होगी. लीला स्थल पर मजबूत बैरिकेडिंग की जा रही है.
एसीपी ईशान सोनी ने बताया कि इस बार नाटी इमली मैदान की तरफ जाने वाले मार्ग पर भरत मिलाप की लीला से पूर्व ही सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा और लीला स्थल पर इस बार पहले से मजबूत बैरिकेडिंग भी की जा रही है.
काशी नरेशगोस्वामी तुलसी दास के समकक्ष भगवान राम के भक्त मेघाभगत ने करीब 482 साल पूर्व इस रामलीला की शुरुआत की थी. इस लीला को देखने के लिए काशी नरेश आज भी हाथी पर सवार होकर यहां आते हैं. भक्तों का ऐसा मानना है कि इस लीला में स्वयं भगवान श्री राम के दर्शन होते है. यही वजह है कि यहां इस लीला को देखने लाखों श्रद्धालु आते है.

