Vaibhav Suryavanshi: वैभव सूर्यवंशी का नाम हर पिछले कुछ महीनों से हर किसी की जुबान पर है. आईपीएल 2025 में 14 साल के इस खिलाड़ी ने बड़े-बड़े दिग्गजों के छक्के छुड़ा दिए. विस्फोटक बल्लेबाजी से हर किसी सेतारीफ लूटी. लेकिन एक सवाल फिटनेस का था, जो अब वैभव के लिए सिरदर्द बन चुका है. वैभव के पिता ने उनकी फिटनेस पर खुलकर बात की और कहा है कि वैभव का वजन तेजी से बढ़ रहा था, जिसपर कंट्रोल करने के लिए उन्होंने बड़ा कदम उठाया है.
IPL 2025 में शानदार प्रदर्शन
आईपीएल 2025 में वैभव को डेब्यू करने का मौका मिला. उन्होंने अपने आईपीएल करियर की पहली ही गेंद पर छक्के से शुरुआत की और कई रिकॉर्ड्स अपने नाम कर लिए. इसके बाद सीजन में वैभव ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने एक के बाद एक धांसू पारियां खेली, जिससे क्रिस गेल के सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड भी डेंजर में नजर आया. वैभव ने 35 गेंद में आतिशी अंदाज में शतकीय पारी खेली और आईपीएल में सबसे तेज शतक ठोकने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए.
क्या बोले वैभव के पिता?
वैभव के पिता ने उनके वजन को लेकर दैनिक जागरण से बातचीत में बताया, ‘अब वह बहुत संतुलित डाइट लेता है. वह जिम जाता है, उसका वजन बहुत बढ़ गया था और उसे कम करना है.’ जब पूछा गया कि क्या वैभव अब भी बिहार का एक बहुत लोकप्रिय लिट्टी-चोखा खाता है, तो संजीव ने कहा, ‘अब वह इसे नहीं खाता.’ वैभव सूर्यवंशी इंग्लैंड टूर के लिए चुनी गई अंडर-19 टीम का हिस्सा हैं और विदेश में अपना डंका बजाते दिखेंगे.
ये भी पढे़ं… अजूबा: W, W, W, W, W… छा गया ऋषभ पंत का चेला, 5 गेंद में 5 विकेट लेकर लूट लिया मेला
बेटे पर गर्व है- संजीव
संजीव ने आगे कहा, ‘यह हर पिता के लिए गर्व की बात है कि उसे उसके बेटे के नाम से जाना जाता है. अब मैं जहां भी जाता हूं, मुझे बहुत सम्मान मिलता है. लोग मुझसे मिलने भी आते हैं. हमारे लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है. इतनी कम उम्र में आईपीएल में रन बनाना बहुत गर्व की बात है. मैं राहुल द्रविड़ सर, जुबिन भरूचा सर और राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मेरे बेटे (वैभव सूर्यवंशी) पर भरोसा दिखाया. उसका खेल देखकर सभी बहुत खुश हुए. इसी की बदौलत बिहार को पूरी दुनिया में प्रसिद्धि मिल रही है. जब आपको इतनी कम उम्र में प्रसिद्धि मिलती है, तो उसे संभालना बहुत जरूरी होता है. मैं थोड़ा संशय में हूं, लेकिन वैभव इस बात को समझता है. वह जानता है कि यह तो बस शुरुआत है, उसे अभी देश के लिए खेलना है.’