ऋषभ चौरसिया/लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 10 दिवसीय उत्तराखंड महोत्सव का आगाज हो गया है. उत्तराखण्ड महापरिषद के 75 साल (हीरक जयंती) पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भारत के विविध सांस्कृतिक विरासत का महोत्सव बीरबल साहनी मार्ग स्थित पं. गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में शुरू हुआ है.

इस महोत्सव में प्रतिदिन हीरक जयंती साल में उत्तराखण्ड के पारंपरिक छोलिया, कुमाऊंनी, गढ़वाली, जौनसारी गीतों पर डांस, उत्तराखण्ड डांस प्रतियोगिता और वायस ऑफ उत्तराखण्ड एकल गायन प्रतियोगिता, अवधी और भारत के विभिन्न प्रांतों के लोक गीतों से सुसज्जित कार्यक्रमों और उत्तराखण्ड का मसकबीन स्टार नाइट की शानदार प्रस्तुतियां देखने को मिलेंगी.

बनारसी साड़ी लोगों को कर रही आकर्षित

उत्तराखंड महोत्सव के महासचिव भरत सिंह बिष्ट ने बताया कि उत्तराखण्ड महापरिषद के 75 साल (हीरक जयंती) पूर्ण होने के उपलक्ष्य में महोत्सव मनाया जा रहा है. यह महोत्सव लखनऊ में 2012 से लगातार आयोजित हो रहा है. इस महोत्सव में भारत के विभिन्न संस्कृतियों के हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा दिया गया है. इसके साथ उत्तराखंड के जैविक उत्पादों को मोटा अनाज प्रदर्शनी में लगाया गया है. इसके साथ यहां उत्तराखंड के हर्बल, जैविक उत्पाद, जूस और दालें है. महोत्सव में पहाड़ी टोपी, कश्मीरी शाल से लेकर बनारसी साड़ी तक सभ कुछ मिलेगा.

ये कार्यक्रम हर दिन किये जायेंगे आयोजित

भरत सिंह बिष्ट ने बताया कि सुंदर मंच के प्रांगण में महिला प्रकोष्ठ द्वारा रंगोली और पहाड़ की लोक विधा को जीवंत करते हुए सुंदर ऐपण बनाए गए है. 10 दिन तक दोपहर दो बजे से अनेक प्रतियोगिताएं जोड़ी जाएंगी, जैसे कि किड्स फैशन शो, नृत्य, कवि सम्मेलन, निबंध, चित्रकला, गायन, वादन, कुर्सी रेस, गोष्ठियां आदि. उत्तराखंड डांस की विशेष दिलचस्प प्रतियोगिता में 21 दल भाग लेंगे, जो 120 गीतों पर नृत्य प्रस्तुति देंगे. प्रतियोगिता में कुमाऊंनी, गढ़वाली, जौनसारी, शौका गीत और नृत्य को शामिल किया जाएगा.

संस्कृति के कपड़े खरीदने का मौका

महोत्सव में घूमने आई एक महिला का कहना है कि इस प्रदर्शनी में उत्तराखण्ड और अन्य प्रांतों की संस्कृति के कपड़े खरीदने का मौका मिलता है. यहां सभी सामान बजट में मिल जाता है. इसके साथ ही, यहां विविध भोजन संस्कृति का आनंद लिया जा सकता है. आप उत्तराखंड महोत्सव में आना चाहते हैं तो आपको सुबह 10 से रात्रि 10 बजे के बीच बीरबल साहनी मार्ग पर स्थित पं. गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में आना होगा. आप चारबाग रेलवे स्टेशन से ऑटो कैब के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते है.
.Tags: Local18FIRST PUBLISHED : November 1, 2023, 20:11 IST



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