Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश: अग्निवीर भर्ती में फर्जी डॉक्यूमेंट्स का साया, गिरोह के 4 गिरफ्तार



हाइलाइट्सगिरोह का मास्टरमाइंड सिकंदर पेशे से वकील है और बागपत में प्रैक्टिस करता है.यह गिरोह अग्निवीर भर्ती में दो से तीन युवाओं को ही अपने शिकंजे में फंसा सका था.मास्टरमाइंड अग्निवीर अभ्यर्थियों को फर्जी दस्तावेज बनाकर देता और रुपये ऐंठता.मुज्फ्फरनगर. उत्तर प्रदेश पुलिस और मेरठ की आर्मी इंटेलिजेंट ने अग्निवीर भर्ती में अभ्यार्थियों के फर्जी डॉक्यूमेंट बनाने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से फर्जी मार्कशीट, आधार कार्ड, परिचय पत्र और लाखों रुपए की नकदी बरामद हुई है. गुरुवार को मुजफ्फरनगर जनपद की सिविल लाइन थाना पुलिस ने इस गिरोह का खुलासा किया है.
मुजफ्फरनगर पुलिस ने मेरठ आर्मी इंटेलिजेंट के साथ मिलकर अग्निवीर भर्ती में आने वाले युवाओं को फर्जी डॉक्यूमेंट मुहैया करानेवाले गिरोह के चार सदस्यों, सिकंदर, प्रशांत चौधरी, अनुज चौधरी, और हिमांशु चौधरी को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने फर्जी अंक पत्र, आधार कार्ड, परिचय पत्र और 2 लाख 35 हजार रुपये नगद बरामद किए.
गिरफ्त में आए ये चारों ही आरोपी बागपत ,मुरादाबाद और संभल जनपद के रहने वाले हैं. बताया जा रहा है कि ये मुजफ्फरनगर में चल रही अग्निवीर भर्ती में आने वाले युवाओं को फर्जी डॉक्यूमेंट बनाकर उनसे डेढ़ से दो लाख रूपये लेते थे. इन आरोपियों में बागपत निवासी सिकंदर एक एडवोकेट है और इस गिरोह का मास्टरमाइंड भी है. मिली जानकारी के अनुसार यही फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाकर मुहैया करता था.
आलाअधिकारियों की मानें तो अभी तक यह गिरोह अग्निवीर भर्ती में दो से तीन युवाओं को ही अपने शिकंजे में फंसा सका था. लेकिन, टीम ने वक्त रहते इन चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. अब पुलिस ये जानकारी जुटाने में जुट गई है कि इस गिरोह में और कितने सदस्य हैं, और कहां-कहां किस-किस भर्ती में इनलोगों ने अभ्यार्थियों को फर्जी डॉक्यूमेंट मुहैया कराए हैं.
मामले में अधिक जानकारी देते हुए एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि आगामी 10 अक्टूबर तक मुजफ्फरनगर में अग्निवीर की भर्ती अभी चल रही है. इसमें ये आरोपी अभ्यर्थियों को फर्जी दस्तावेज बनाकर देते थे. फर्जी डॉक्यूमेंट मुहैया कराने का गिरोह के 4 लोग गिरफ्तार हुए हैं. प्रारंभिक पूछताछ में यह तथ्य सामने आए हैं कि भर्ती में शामिल होने वाले अधिक उम्र के अभ्यर्थियों को ये टारगेट करते थे. उनसे संपर्क करते और डॉक्यूमेंट्स में कमी बताकर उनको कहते कि हम इस चीज की पूर्ति कर देंगे और इसकी एवज में यह इनसे डेढ़ से दो लाख रूपये लेते थे.
एसपी सिटी ने बताया कि पुलिस जानकारी जुटा रही है कि इस गिरोह ने और कितने कैंडिडेट को टारगेट किया है और उनसे कितने पैसे लिए. अभी तक दो या तीन कैंडिडेट ही सामने आए हैं. अभी तक कुछ ऐसा सामने निकल कर नहीं आया है कि उन्होंने किसी और भर्ती में भी ऐसा किया हो, लेकिन जांच की जा रही है.
एसपी सिटी ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड सिकंदर नाम का व्यक्ति है. वह पेशे से वकील है और बागपत में प्रैक्टिस करता है. इसका काम था फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाकर देना. अभी तक जो इन्होंने बताया है यह अप्लाई करवाते थे अलग-अलग जनपदों से अलग-अलग डोमिसाइल जनपदों के बनाकर जो मुरादाबाद का रहने वाला है, उसे रामपुर से करवाते थे. इससे भर्ती के दौरान एंट्री तो हो जाती थी, दौड़ भी यह लोग कर लेते थे, लेकिन जब डॉक्यूमेंट चेक होते थे तो पाया जाता था कि ये डॉक्यूमेंट फर्जी हैं. तब इनको बाहर कर दिया जाता था.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Agnipath scheme, Agniveer, Muzaffarnagar city news, Muzaffarnagar crime, Muzaffarnagar news, Muzaffarnagar Police, UP newsFIRST PUBLISHED : September 30, 2022, 08:07 IST



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