Uttarkashi cloudburst, General knowledge: उत्तराखंड के उत्तरकाशी से एक दिल दहला देने वाली खबर आई. यहां के धराली गांव में बादल फट गया.तेज बारिश और कीचड़-पत्थरों का तूफान आया,जिसने कुछ ही पलों में घर-दुकानों को बहा दिया.अभी तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और कई लोग लापता हैं.राहत टीमें जुट गई हैं, लेकिन पहाड़ी इलाके में हालात को संभालना आसान नहीं है. अभी भी कई टीमें राहत व बचाव कार्य में लगे हैं.लेकिन यही उत्तरकाशी एक ऐसी जगह है जहां आस्था और इतिहास की गहराई है.यहां सिर्फ प्राकृतिक आपदा नहीं,बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक खजाने भी छिपे हैं.आइए जानते हैं कि ये जगह क्यों इतनी खास है?
Uttarkashi History: क्या है उत्तरकाशी का इतिहास
उत्तरकाशी गढ़वाल क्षेत्र का हिस्सा था और ऋग्वैदिक काल से ही प्रसिद्ध रहा है.महाभारत काल में पांडवों के पतंगिनी में ठहरने का वर्णन मिलता है.1930 में रवाईं कांड (Rawain Kand) आंदोलन हुआ था, जो जंगल कानूनों के खिलाफ था. 1960 में उत्तरकाशी को एक स्वतंत्र जिला बनाया गया और 2000 में यह उत्तराखंड राज्य का हिस्सा बना.
Why is Uttarkashi famous for : उत्तरकाशी क्यों हैं अनोखा?
1.उत्तर की काशी: इसे‘उत्तरी काशी’कहते हैं क्योंकि यहां का विश्वनाथ मंदिर वाराणसी की तरह है वह भी गंगा के किनारे बसा हुआ.
2.गंगा-यमुना की जन्मभूमि: पवित्र गंगा (गंगोत्री)और यमुना (यमुनोत्री)यहीं से निकलती हैं जो हिंदू धर्म में सबसे बड़े तीर्थों में से हैं.
3. कब बना जिला: 1800 के दशक में गोरखाओं ने कब्जा किया था फिर अंग्रेजों की मदद से गढ़वाल ने इसे वापस लिया. 1960 में जिला बना और 2000 में उत्तराखंड का हिस्सा बना.
4.पर्वतारोहण का गढ़: नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM)यहां है जहां हर साल युवा पहाड़ों की चढ़ाई सीखते हैं.
5.आंदोलन की जड़ें: 1930 में रवांई आंदोलन हुआ जब लोगों ने अंग्रेजों के जंगल कानूनों के खिलाफ आवाज उठाई.
6. उत्तरकाशी में हादसे: ऐसा नहीं कि उत्तरकाशी में इस तरह का हादसा पहली बार हुआ है इससे पहले यहां1991 में भूकंप आ चुका है.इसके अलावा 2023 में टनल हादसा हुआ था और अब 2025 में बादल फट गया.
7.पर्वतारोहण की राजधानी: उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) है जहां से हर साल हजारों युवा पहाड़ों में चढ़ाई सीखते हैं.
Best facts about Uttarkashi district: और क्या-क्या है खास?
उत्तरकाशी सिर्फ आपदा या तीर्थ नहीं, बल्कि एक ऐसी जगह है जो हर किसी को आकर्षित करती है. चाहे आप ट्रैकिंग के दीवाने हों, मंदिरों के भक्त हों या फिर इतिहास में रुचि रखते हों.यहां हर चीज आपको बांधे रखेगी.1991 में आए भूकंप ने इसे हिलाया, 2023 में टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाया गया और आज फिर प्रकृति ने सबको चौंका दिया.फिर भी ये जगह अपनी खूबसूरती और आध्यात्मिकता से लोगों का दिल जीतती है.उत्तरकाशी एक ऐसा जिला है, जहां खतरे और आस्था साथ-साथ चलते हैं.अगर आप ट्रैकिंग, तीर्थाटन या बस नई चीजें जानने के शौकीन हैं तो इसका नाम जरूर याद रखें.