US President Donald Trump diagnosed with Chronic Venous Insufficiency Know The Disease Its Symptoms | डोनाल्ड ट्रंप को हुई क्रोनिक वीनस इंसफिशिएंसी, जानिए कितनी खतरनाक है ये बीमारी, इसके लक्षणों को कैसे पहचानें?

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US President Donald Trump diagnosed with Chronic Venous Insufficiency Know The Disease Its Symptoms | डोनाल्ड ट्रंप को हुई क्रोनिक वीनस इंसफिशिएंसी, जानिए कितनी खतरनाक है ये बीमारी, इसके लक्षणों को कैसे पहचानें?



Donald Trump Diagnosed with Chronic Venous Insufficiency: व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लीविट (Karoline Leavitt) ने ऐलान किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पैरों के निचले हिस्से में सूजन का अहसास होने के बाद, नसों से जुड़ी एक कॉमन और जेंटल कंडीशन को डायग्नोज किया गया है.
क्या है ये बीमारी?लीविट के मुताबिक, ट्रंप के पैरों पर किए गए अल्ट्रासाउंड टेस्ट में क्रोनिक वीनस इंसफिशिएंसी का पता चला है. ये एक ऐसा मेडिकल कंडीशन है जो अक्सर 70 साल से ज्यादा उम्र के में पाई जाती है. लीविट ने बताया कि एडिशनल एक्सामिनेशन में ट्रंप में “हार्ट फेलियर (Heart failure), गुर्दे की खराबी (Renal impairment) या सिस्टेमिक बीमारी (systemic illness) के कोई लक्षण नहीं” पाए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप को इस डायग्नोसिस के कारण किसी भी तरह का डिसकंफर्ट नहीं हो रहा है.

पैरों में सूजन के अलावा, लीविट ने ये भी बताया कि ट्रंप के हाथ के पिछले हिस्से पर खरोंच के निशान थे. उन्होंने इसका कारण लगातार हाथ मिलाने से होने वाली मामूली सॉफ्ट टिशू में जलन, और साथ ही एस्पिरिन के इस्तेमाल को बताया, जिसे ट्रंप अपने स्टैंडर्ड कार्डियोवेस्कुलर प्रिवेंशन (cardiovascular prevention) के हिस्से के तौर पर लेते हैं.
पहले ही लग गई थी अटकलें?79 साल के डोनाल्ड ट्रंप को हाल ही में ईस्ट रदरफोर्ड, न्यू जर्सी (East Rutherford, New Jersey) में फीफा क्लब वर्ल्ड कप 2025 (FIFA Club World Cup 2025) के फाइनल में देखा गया था, जहां उनके टखनों के आसपास साफ तौर से सूजन ने उनकी सेहत के बारे में सार्वजनिक अटकलों को जन्म दिया था.
क्यों बढ़ती है परेशानी?क्रोनिक वीनस इंसफिशिएंसी तब होती है जब पैरों की नसों को खून को दिल तक वापस भेजने में दिक्कतें होती है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मेडलाइनप्लस (MedlinePlus) के मुताबिक, ये हालात तब पैदा होते है जब पैरों की नसों के वाल्व कमजोर हो जाते हैं या डैमेज हो जाते हैं। इसके कारण, खून सही तरीके से ऊपर की फ्लो होने के बजाय निचले अंगों में जमा हो सकता है.

इस बीमारी के लक्षण
 
1. पैरों में लगातार सूजन (खासतौर पर टखनों और पिंडलियों में)
2. पैरों में भारीपन या थकान महसूस होना 
3. वैरिकोज वेंस, यानी उभरी हुई, नीली या बैंगनी रंग की टेढ़ी-मेढ़ी नसें
4. पैरों या टखनों की त्वचा में रंग बदलना 
5. स्किन का हार्ड और चमकदार हो जाना
6. पैरों में खुजली या जलन 
7. घाव बनना या ठीक न होना 
8. रात में पैरों में ऐंठन या बेचैनी 
9. चलने या सीढ़ी चढ़ने में दर्द 
10. जुराब की लाइन पर दबाव के निशान 
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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