उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की पीईटी परीक्षा 2025 में लगभग 25 लाख अभ्यर्थी दो दिनों की चार पालियों में परीक्षा देंगे। यह परीक्षा प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा होने जा रही है, क्योंकि इसमें 48 जिलों में शामिल होंगे। लेकिन इस आयोग की परीक्षा का केंद्र गृह जनपद से दूर बनाए जाने की वजह से छात्रों में हताशा भी है और निराशा भी है, तो वहीं सरकार से उनकी कुछ मांगें भी हैं।
छात्रों के मुद्दों को जानने के लिए हमने उनसे बात की, तो उन्होंने बताया कि जब यह केवल क्वालीफाई एग्जाम है, तो इसके लिए सरकार को आयोग को कम से कम परीक्षा केंद्र तो नजदीकी ही बनाना था। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से सीख लेने की है जरूरत। आयोग को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से सीखना चाहिए कि किस प्रकार समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी के परीक्षा को 75 जिलों में केंद्र बनाकर सफलतापूर्वक करवाया।
सरकार से मांग करते हैं कि अभ्यर्थियों का एडमिट कार्ड ही बस का टिकट बन जाए और आने-जाने की सुविधा पा सकें। अगर संभव हो तो ट्रेन को भी मुफ्त कर दें। छात्रा ने बताया कि जैसे रेलवे की परीक्षा कई चरणों में होती है, ऐसे इसको भी करवा लेनी थी जब कि इसमें भी नॉर्मलाइजेशन होना है। इस प्रकार बच्चों को परेशानी नहीं उठानी पड़ती।
परीक्षा केंद्र दूर होने की वजह से बहुत सारे अभ्यर्थी सेंटर तक भी नहीं पहुंच पाएंगे, तो वहीं आने-जाने में उनके काम से कम ₹3000 खर्च होंगे। ऐसे में छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। ट्रेन कम बढ़ेगा दबाव, दुर्घटना के चांस। पिछली बार इसी परीक्षा में हरदोई में एक बच्ची का ट्रेन पर चढ़ते समय दबाव के कारण गिरकर जान चली गई थी। ऐसे में ज्यादा भीड़ होने की वजह से ट्रेनों पर दबाव बढ़ेगा, तो वहीं दुर्घटना के चांस भी बढ़ेंगे।
बस की सेवा फ्री करने से छात्रों को काफी राहत मिलेगी। आजमगढ़ से हरदोई परीक्षा देने जाने वाले आशू यादव ने बताया कि केंद्र इतना दूर बनाए जाना सबसे बड़ी समस्या है। 400 किलोमीटर आने जाने में लड़कों की हालत खराब हो जाएगी। अगर बस फ्री कर दी जाए, तो इससे इन अभ्यर्थियों को काफी राहत मिलेगी और इस मानसिक तनाव से भी मुक्त होकर जो 7 दिन बचे हैं अच्छे से अपनी तैयारी कर पाएंगे।