लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस ने नौ जिलों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के मामले में अब तक 319 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, पैगंबर मोहम्मद पर भारतीय जनता पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और पार्टी की दिल्ली इकाई से निष्कासित मीडिया प्रभारी नवीन जिंदल की टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक यूपी के नौ जिलों में 13 एफआईआर दर्ज हुई हैं.
यूपी के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने रविवार की शाम बताया कि राज्य के आठ जिलों से 319 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि हिंसा के संबंध में यूपी के नौ जिलों में 13 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इसके साथ जिलेवार ब्यौरा देते हुए कुमार ने बताया कि प्रयागराज में 92, सहारनपुर में 82, हाथरस में 51, अंबेडकर नगर में 34, मुरादाबाद में 35, फिरोजाबाद में 15, अलीगढ़ में छह और जालौन में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, लखीमपुर खीरी में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, लेकिन वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
जानें किस जिलें में कितनी एफआईआर हुईं दर्जयूपी के एडीजी कानून व व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक, शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नौ जिलों में हिंसा हुई थी. इस मामले में प्रयागराज और सहारनपुर में तीन-तीन, फिरोजाबाद, अलीगढ़, हाथरस, मुरादाबाद, अंबेडकरनगर, लखीमपुर खीरी और जालौन में एक-एक एफआईआर दर्ज की गई है. इसके साथ उन्होंने बताया कि जुमे की नमाज के बाद भीड़ हिंसक हो गई थी, जिसमें लगभग 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जिनका इलाज किया जा रहा है. आज पूरे प्रदेश में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है. साथ ही कहा कि सोशल मीडिया पर जो लगातार हेट स्पीच और आपत्तिजनक पोस्ट कर रहे हैं, उस पर हम लगातार नजर बनाए हुए हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है और उनकी गिरफ्तारी भी की जा रही है.
जानें कहां कितने पुलिसवाले हुए घायल एडीजी ने बताया कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा में कुल 13 पुलिसकर्मी घायल हुए जिनमें मुरादाबाद में दो आरक्षी, अंबेडकरनगर में आठ पुलिसकर्मी व प्रयागराज में तीन पुलिसकर्मी व अन्य प्रशासनिक अधिकारी घायल हुए हैं. कुमार ने बताया कि उपद्रव के दौरान सहारनपुर में जनता के दो वाहन पलटने से क्षतिग्रस्त हो गये. जबकि प्रयागराज में छह वाहन (चार मोटर साइकिल, पीएसी के एक ट्रक व एक मोटरसाइकिल) क्षतिग्रस्त हुए. उन्होंने बताया कि इनमें पांच वाहनों में आगजनी की गई और तीन में तोड़फोड़ की गई.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया ये आदेशमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर जिले में तीन जून को हुई हिंसा और इसके बाद विभिन्न जिलों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा का संज्ञान लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी जाए और कार्रवाई ऐसी हो जो असामाजिक सोच रखने वाले सभी तत्वों के लिए एक नजीर बने. वहीं, माहौल बिगाड़ने के बारे में कोई सोच भी न सके. उन्होंने शनिवार को जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और शीर्ष पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिये कानून-व्यवस्था की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति के साथ पेश आएं और एक भी निर्दोष को छेड़ें नहीं और कोई दोषी छोड़े नहीं. उन्होंने कहा कि विगत दिनों कानपुर, प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद, हाथरस, फिरोजाबाद, आंबेडकर नगर आदि जिलों में असामाजिक तत्वों द्वारा शांति एवं सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया गया. योगी ने कहा कि इससे पहले 3 जून को कानपुर में भी ऐसी ही कोशिश की गई थी और तब भी सतर्कता के निर्देश दिए गए थे, जिससे प्रदेश के ज्यादातर जिलों में शांति बनी हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शांति व्यवस्था चिर स्थायी रहे, इसके लिए सतर्क सावधान रहना होगा.
‘हर शुक्रवार के बाद एक शनिवार जरूर आता है’यूपी में हिंसा करने वालों को परोक्ष चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा, ‘उपद्रवी याद रखें, हर शुक्रवार के बाद एक शनिवार जरूर आता है…’ कुमार ने अपने ट्वीट के साथ एक इमारत की तोड़फोड़ करते हुए बुलडोजर की तस्वीर भी साझा की. सहारनपुर में शुक्रवार को हुई हिंसा के दो आरोपियों के मकानों को पुलिस ने शनिवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. (भाषा इनपुट के साथ)ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: UP police, UP Violence, Yogi adityanathFIRST PUBLISHED : June 12, 2022, 23:39 IST
Source link

161 ancient natural sites documented
Despite their profound value, these sites face growing pressures from rapid tourism, encroachment, grazing, fuelwood collection, and declining…