Uttar Pradesh

up police cops took policeman on gunpoint in kanpur police station both suspended



कानपुर. केरल (Kerala) लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण (Corna Infection) पर कानपुर आईआईटी (Kanpur IIT) के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल (Prof Manindra Agrawal) ने कहा कि जो संख्या बढ़ी है, वो वहां की लो सिरो पाजिटिविटी की वजह से है. उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में जो आईसीएमआर का सर्वे (ICMR Survey) हुआ था तो वहां केवल 45 प्रतिशत लोगों में इम्युनिटी पाई गई, जबकि भारत का एवरेज करीब 70 प्रतिशत था. तो जिस भी जगह कम इम्युनिटी होगी, वहां पर संख्या बढ़ने की संभावना बनी रहती है, जो कि केरल में हो रहा है. इसीलिए केरल में दूसरी लहर का विस्तार है, अभी तीसरी लहर नहीं है. उन्होंने कहा कि केरल में उत्तर भारत जैसी स्थिति आने में अभी कुछ और समय लगेगा, जब तक वहां इम्युनिटी का स्तर बढ़कर 65 प्रतिशत नहीं हो जाता.
दिसम्बर तक कोरोना वैक्सीन डबल डोज लगने के बाद क्या हालात सामान्य होंगे, इस पर प्रोफेसर का कहना है कि जो हमारे पास अन्य देशों के उदाहरण हैं, जहां वैक्सीनेशन के बाबजूद जब डेल्टा वैरियंट पहुंचा तो इंफेक्शन (Infection)की संख्या वहां बढ़ी. हालांकि इसके बाद भी ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ा. इसे देखकर लगता है कि टीका चाहे पूरी प्रकार से नए संक्रमण से रक्षा न कर पाए, लेकिन हॉस्पिटलाइजेशन (Hospitalization) जैसी स्थिति नहीं आने देती।
यही हम आशा करते हैं कि भारत में जैसे-जैसे वैक्सीनेशन बढ़ रहा है तो लोगों में इस तरह की इम्युनिटी आती जा रही है कि यदि उनको संक्रमण होता भी है तो ज्यादा कोई परेशानी नहीं होगी. तो आने वाले समय में शायद स्थिति सामान्य हो सकती है. वहीं वैक्सीनेशन न कराने वालों को कभी भी संक्रमण हो सकता है, चाहे थर्ड वेव आये या न आये. प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि जिन लोगों को इंफेक्शन नहीं हुआ और उन्होंने टीकाकरण भी नहीं कराया तो उन्हें भी संक्रमण हो सकता है.
भारत में बूस्टर शॉट की आवश्यकता नहींयूरोप और अमेरिका की स्थित को देखते हुए क्या भारत को बूस्टर शॉट पर विचार करना चाहिए, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका में जो बूस्टर शॉट चल रहे हैं, उसका मुख्य कारण ये है कि वहां जो वैक्सीन प्रयोग हो रही है, वह कोरोनावायरस की डेल्टा वैरिएंट पर बहुत अधिक कारगर नहीं साबित हो रही है. इसलिए वो लोग बूस्टर शॉट लगा रहे हैं. वहां की अपेक्षा में भारत में जो वैक्सीन हैं चाहे वह कोवैक्सीन है या फिर कोविशील्ड, इनका असर वेरियंट के खिलाफ अच्छा है. उन वैक्सीन की अपेक्षा तो यहां पर बूस्टर शॉट की कोई चर्चा ही नहीं है.



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