उत्तर प्रदेश में जमीनों की खरीद-बिक्री को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए रजिस्ट्री विभाग ने नई व्यवस्था लागू की है. अब रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान खरीददार और विक्रेता दोनों के मोबाइल नंबर का ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) के माध्यम से सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है. इस कदम का उद्देश्य फर्जी दस्तावेजों और जालसाजी को पूरी तरह खत्म करना है.
नई व्यवस्था के तहत संपत्ति रजिस्ट्री के समय दोनों पक्षों के मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा, जिसके आधार पर उनकी पहचान सत्यापित की जाएगी. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि रजिस्ट्री में शामिल व्यक्ति वास्तविक हैं और कोई तीसरा पक्ष धोखाधड़ी नहीं कर रहा है. इससे जमीन की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित होगी, जिससे लोगों को फर्जीवाड़े का सामना नहीं करना पड़ेगा।
कृषि भूमि के लिए विशेष नियम लागू किए गए हैं. अब ऐसी रजिस्ट्री के लिए ग्राम कोड और खतौनी का विवरण दर्ज करना अनिवार्य होगा. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि जमीन का स्वामित्व और उसका रिकॉर्ड पूरी तरह से सही हो. पंजीयन अधिकारी इस जानकारी को ऑनलाइन डेटाबेस से सत्यापित करेंगे, जिससे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री की संभावना खत्म हो जाएगी.
नई व्यवस्था में पैन कार्ड की वैधता की जांच भी रजिस्ट्री स्थल पर ही करने के निर्देश दिए गए हैं. पंजीयन विभाग अब पैन कार्ड को आयकर विभाग के डेटाबेस से तुरंत सत्यापित करेगा, ताकि फर्जी या निष्क्रिय पैन कार्ड का उपयोग न हो सके. यह कदम विशेष रूप से बड़े लेन-देन में होने वाली धोखाधड़ी को रोकने में कारगर होगा।
पिछले कुछ वर्षों में लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में फर्जी दस्तावेजों और जालसाजी के जरिए संपत्ति की रजिस्ट्री के कई मामले सामने आए हैं. कई बार बिना मालिक की जानकारी के उनकी जमीन बेच दी गई या फर्जी पहचान पत्रों का उपयोग कर रजिस्ट्री कराई गई. इन समस्याओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने यह कड़ा कदम उठाया है.
पंजीयन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे रजिस्ट्री से पहले अपने सभी दस्तावेज, जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, खतौनी और ग्राम कोड, तैयार रखें. साथ ही, यह सुनिश्चित करें कि उनका मोबाइल नंबर पंजीकृत और सक्रिय हो, ताकि ओटीपी सत्यापन में कोई परेशानी न हो.