नई दिल्ली: देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों ने शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय संस्थानीय Rank Framework (NIRF) में गतिशील सुधार की आवश्यकता पर एक सामूहिक आवाज उठाई है। इसे हर साल जारी किया जाता है और इसके Rank करने के मानदंड पिछले एक दशक से भी अधिक समय से समान हैं, इसलिए इसके बदलाव की मांग की जा रही है, जैसा कि कई लोगों ने कहा है। एक बैठक शुक्रवार शाम को दिल्ली में IISc Habitat में राष्ट्रीय Rankings में आवश्यक सुधारों के संबंध में आयोजित की गई थी। ये Ranking राष्ट्रीय प्रमाणीकरण बोर्ड द्वारा तय किए जाते हैं, जिसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित किया गया है। शिक्षा सचिव विनीत जोशी ने इस बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रमाणीकरण council के कार्यकारी council के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धि और रूरकी, मुंबई, मद्रास, दिल्ली और भुवनेश्वर के IITs के प्रतिनिधियों के साथ-साथ कई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों और देश भर के विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें केरल, तमिलनाडु और जम्मू और कश्मीर शामिल हैं। राष्ट्रीय Rankings 2025 को लेकर एक विवाद था, जिससे कुछ विश्वविद्यालयों के Rank में उतार-चढ़ाव हुआ था। इससे NBA को पहली बार Ernst और Young जैसी एक तीसरी पार्टी की जांच करवानी पड़ी, जिसके बाद सितंबर 2025 में बहुत देर से Rankings को सार्वजनिक किया गया।

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