Unique Cricket Record: क्रिकेट इतिहास एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड खिलाड़ियों ने बनाए हैं. कुछ ऐसे रिकॉर्ड भी बने जिसे लंबे समय तक नहीं तोड़ा जा सकता. डॉन ब्रैडमैन से लेकर सुनील गावस्कर, ब्रायन लारा, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे स्टार प्लेयर्स ने कीर्तिमान की झड़ी लगाई. ये सभी प्लेयर एक ही देश के लिए खेलते नजर आए. लेकिन कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने एक से अधिक देशों का प्रतिनिधित्व किया है. इनमें भारत के 4 क्रिकेटर शामिल हैं.
1947 में अंग्रेजों से भारत की आजादी से पहले सिर्फ एक क्रिकेटर ने दो देशों के लिए खेला. आजादी के बाद ऐसे भी खिलाड़ी हुए जिन्होंने अपनी टीम बदल ली. हम आपको उन प्लेयर्स के बारे में बता रहे हैं…
इफ्तिखार अली खान पटौदी (नवाब ऑफ पटौदी, सीनियर)
भारत के महान क्रिकेट मंसूर अली खान पटौदी के पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी भी क्रिकेट खेलते थे. उन्हें नवाब ऑफ पटौदी, सीनियर भी कहा जाता है. वह 1947 में भारत के आजाद होने से पहले ही दो देशों के लिए खेले थे. उन्होंने 1932 से 1934 तक इंग्लैंड के लिए 3 टेस्ट में 28.80 की औसत से 144 रन बनाए थे. इसके बाद वह भारत के लिए 1946 में 3 टेस्ट खेलने में कामयाब रहे थे. उनके बल्ले से 11 की औसत से 55 रन निकले थे.
गुल मोहम्मद
भारत के लिए गुल मोहम्मद ने 1946 से 1952 तक 8 टेस्ट मैच खेले. उन्होंने इस दौरान 11.06 की औसत से 166 रन बनाए थे. उन्होंने 2 विकेट भी लिए थे. गुल मोहम्मद इसके बाद पाकिस्तान चले गए और वह उन्हें 1956 में सिर्फ 1 टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला. इसमें वह 39 रन ही बना पाए थे.
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अब्दुल हफीज कारदार
अंग्रेजी शासन के दौरान अब्दुल हफीज ने भारत के लिए 3 टेस्ट मैच खेले थे. 1946 में उन्हें ये मौके मिले थे. वह इस दौरान 16 की औसत से 80 रन ही बना पाए थे. उन्होंने आजादी के बाद पाकिस्तान में बसने का फैसला किया और वहां 23 टेस्ट खेलने में सफल हुए. उनके बल्ले से 847 रन निकले. अब्दुल हफीज का औसत 24.91 रहा था. उन्होंने पाकिस्तान के लिए 21 विकेट भी लिए.
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आमिर इलाही
भारत के लिए 1947 में एक टेस्ट खेलने वाले आमिर को पाकिस्तानी क्रिकेट टीम में भी मौका मिला. आमिर ने टीम इंडिया के लिए 1 टेस्ट में 7 रन बनाए थे. इसके बाद 1952 में उन्हें पाकिस्तान के लिए 5 मुकाबलों में खेलने का मौका मिला. वह 10.83 की औसत से सिर्फ 65 रन ही बना पाए थे. आमिर ने पाकिस्तान के लिए 7 विकेट भी लिए थे. वह भारत के साथ-साथ किसी और देश के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले आखिरी प्लेयर हैं. उनके बाद कोई भी प्लेयर, टेस्ट-वनडे या टी20 में भारत के साथ-साथ किसी अन्य देश के लिए नहीं खेला.