क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे तेज गेंदबाज हुए, जिन्होंने अपनी रफ्तार से बल्लेबाजों के छक्के छुड़ा दिए. मौजूदा समय में भी कई ऐसे पेसर हैं, जो गोली की स्पीड से गेंद फेंककर बल्लेबाजों को छका देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं 21वीं सदी में सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड किस गेंदबाज के नाम है? इस गेंदबाज ने बुलेट की रफ्तार से गेंद फेंकी थी, जिसकी स्पीड चेक की गई तो हर कोई हैरान रह गया. आइए जानते हैं यह वर्ल्ड रिकॉर्ड किसने अपने नाम किया हुआ है, जिसका टूटना नामुमकिन जैसा ही है.
सबसे तेज गेंद फेंकने का वर्ल्ड रिकॉर्ड
क्रिकेट में जब भी सबसे तेज गेंद की बात होती है, तो सबसे ऊपर नाम पाकिस्तान के शोएब अख्तर का आता है. ‘रावलपिंडी एक्सप्रेस’ के नाम से मशहूर इस पूर्व तेज गेंदबाज ने 21वीं सदी की सबसे तेज गेंद फेंककर एक ऐसा विश्व रिकॉर्ड बनाया है, जिसे तोड़ना आज भी बेहद मुश्किल माना जाता है. सिर्फ 21वीं सदी ही नहीं, बल्कि इतिहास में सबसे तेज गेंद फेंकने वाले गेंदबाज बने हैं. यह रिकॉर्ड अख्तर ने अपने नाम 22 फरवरी 2003 को वर्ल्ड कप के दौरान किया, जब शोएब अख्तर इंग्लैंड के खिलाफ केपटाउन में गेंदबाजी कर रहे थे.
फेंकी इतिहास की सबसे तेज गेंद
अख्तर ने इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले में अपनी एक गेंद पर 161.3 किलोमीटर प्रति घंटे (100.23 मील प्रति घंटे) की अविश्वसनीय गति से फेंककर हर किसी को हैरान कर दिया. उनका यह रिकॉर्ड आज भी कायम है. कई अन्य तेज गेंदबाजों ने इसे तोड़ने की कोशिश की है, लेकिन कोई भी शोएब अख्तर के इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को पार नहीं कर पाया है. ऑस्ट्रेलिया के शॉन टेट ने 2010 में 161.2 किमी/घंटा की गति से गेंद फेंकी थी, जो अख्तर के रिकॉर्ड के बेहद करीब थी. ब्रेट ली (161.1 किमी/घंटा) और मिचेल स्टार्क (160.4 किमी/घंटा) जैसे नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं, लेकिन शोएब अख्तर का नाम सबसे तेज गेंदबाज के रूप में टॉप पर बना हुआ है.
इतिहास की 5 सबसे तेज गेंदें
शोएब अख्तर (पाकिस्तान) – 161.3 किमी/घंटा (100.2 मील प्रति घंटा)शॉन टेट (ऑस्ट्रेलिया) – 161.1 किमी/घंटा (100.1 मील प्रति घंटा)ब्रेट ली (ऑस्ट्रेलिया) – 161.1 किमी/घंटा (100.1 मील प्रति घंटा)जेफ थॉमसन (ऑस्ट्रेलिया) – 160.6 किमी/घंटा (99.8 मील प्रति घंटा)मिचेल स्टार्क (ऑस्ट्रेलिया) – 160.4 किमी/घंटा (99.7 मील प्रति घंटा)
दिग्गज बल्लेबाजों के भी छुड़ाए पसीने
अख्तर इतनी तेज रफ्तार से गेंदबाजी करते थे कि उनक सामना करते हुए सचिन तेंदुलकर, रिकी पोंटिंग, राहुल द्रविड, ब्रायन लारा, सौरव गांगुली जैसे दिग्गज बल्लेबाजों के भी पसीने छूट जाते थे. रफ्तार के साथ-साथ उनकी गेंदों में इतना उछाल होता था कि कई बार तो बल्लेबाजों के पास रिएक्ट करने का भी समय नहीं होता था. उनकी बाउंसर गेंदें अक्सर बल्लेबाजों के सिर और पसलियों को निशाना बनाती थीं, जिससे काफी परेशानी होती थी और बल्लेबाज दबाव में आ जाते थे. शोएब अख्तर नई गेंद से स्विंग और पुरानी गेंद से खतरनाक रिवर्स स्विंग भी कराने में माहिर थे, जिससे उनकी गेंदों को खेलना और भी मुश्किल हो जाता था.
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