नई दिल्ली: भारत ने विजय माल्या और निरव मोदी जैसे भगोड़ों को वापस लाने के लिए एक मजबूत कदम उठाया है, इसी के साथ ब्रिटेन की क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) की एक टीम ने नई दिल्ली के तिहाड़ जेल का दौरा किया है, जिससे वहां की सुविधाओं की जांच की गई है। सूत्रों के अनुसार, यह दौरा जुलाई में हुआ था और इसके पीछे की वजह यह थी कि ब्रिटिश अदालतों ने भारत की जेलों की स्थिति को लेकर चिंता जताई थी।
सूत्रों के अनुसार, पांच सदस्यीय टीम ने ब्रिटिश हाई कमिशन के प्रतिनिधियों सहित तिहाड़ जेल का दौरा किया और वहां के कैदियों से सीधी बातचीत की, जिससे उन्हें जेलों की स्थिति का एक हाथ से अनुभव हुआ। भारत ने इस दौरे को संभव बनाने के लिए सहयोग किया, जिसका मुख्य उद्देश्य यह था कि ब्रिटिश अदालतों को यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी व्यक्ति को भारत में वापस लाने के बाद उसे सुरक्षित, मानवतावादी और उचित वातावरण में रखा जाएगा।
इससे पहले भारत से वापस लाने के लिए किए गए अनुरोधों को ब्रिटिश अदालतों ने ठुकरा दिया था, जिन्होंने जेलों की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई थी।