Ujjayi Pranayama Yoga Health Advantages For Mind Body and Heart Practice Every Morning | तेज दिमाग और चुस्त शरीर पाना है, तो हर सुबह करें ये खास तरह का प्राणायाम, जल्द दिखने लगेगा रिजल्ट

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Ujjayi Pranayama Yoga Health Advantages For Mind Body and Heart Practice Every Morning | तेज दिमाग और चुस्त शरीर पाना है, तो हर सुबह करें ये खास तरह का प्राणायाम, जल्द दिखने लगेगा रिजल्ट



Ujjayi Pranayama Yoga: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस, एंग्जाइटी, और इरेगुलर डेली हैबिट्स की वजह से हमारे शरीर और दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है. ऐसे में अगर हम अपने दिन की शुरुआत योग और प्राणायाम से करें तो हम खुद को स्वस्थ और शांत रख सकते हैं. प्राणायाम में ‘उज्जायी प्राणायाम’ बेहद फायदेमंद माना जाता है. 
इसका नाम कैसे पड़ा?उज्जायी प्राणायाम में ‘उज्जायी’ का मतलब ‘विजयी’ या ‘विजय प्राप्त करने वाला’ होता है. ये शब्द संस्कृत के ‘उद्’ और ‘जि’ से बना है, जहां ‘उद्’ का अर्थ ऊपर उठना या बंधन से आजाद होना, और ‘जि’ का मतलब जीत हासिल करना है. वहीं ‘प्राणायाम’ का अर्थ ‘सांसों का नियंत्रित अभ्यास’ है. ये प्राणायाम हमारे अंदर कॉन्फिडेंस और ताकत बढ़ाने में मदद करता है, इसलिए इसे ‘विजयी श्वास’ भी कहा जाता है.
दिमाग के लिए अच्छाआयुष मंत्रालय के मुताबिक, उज्जायी प्राणायाम करने से दिमाग शांत होता है. जब आप गले से हल्की आवाज के साथ धीरे-धीरे सांस लेते हैं, तो आपका ध्यान खुद-ब-खुद सांस पर टिकने लगता है. इससे मन भटकता नहीं है और सोचने-समझने की ताकत बढ़ती है. वहीं, ये पाचन को भी सही करता है. अगर आपको गैस, अपच, कब्ज जैसी पेट की परेशानी रहती है, तो उज्जायी प्राणायाम आपकी मदद कर सकता है. जब आप गहरी सांस लेते हैं, तो पेट के अंगों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे डाइजेशन बेहतर होता है और पेट हल्का महसूस होता है.
दिल का दोस्तदिल की सेहत के लिए उज्जायी प्राणायाम बेहद फायदेमंद है. इस प्राणायाम को करते हुए सांस की गति धीमी हो जाती है, जिससे दिल पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता. ये दिल की धड़कन को सामान्य रखता है और ब्लड प्रेशर को स्टेबल करता है. जिन लोगों को हाई बीपी या स्ट्रेस होता है, उनके लिए ये प्रैक्टिस काफी लाभदायक है. लेकिन अगर आपको कोई दिल की बीमारी है तो मंत्रालय इस अभ्यास को करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेने की अपील करता है.
फेफड़े होते हैं मजबूतवहीं, ये गले और फेफड़ों के लिए भी फायदेमंद है. ये प्राणायाम गले में जमे बलगम को साफ करता है. धीरे-धीरे सांस लेने और छोड़ने से फेफड़े मजबूत होते हैं और सांस लेने में आसानी होती है. ये एलर्जी, सर्दी-जुकाम और सांस की तकलीफ में मदद करता है. इसके अलावा, उज्जायी प्राणायाम तनाव कम करता है और अच्छी नींद लाता है, क्योंकि इसका अभ्यास करने से मन शांत होता है और थकान भी दूर होती है, जिसके चलते रात में नींद जल्दी आती है और सुबह आप तरोताजा महसूस करते हैं.
एनर्जी देने वाला आसनये प्राणायाम शरीर के अंदर गर्मी पैदा करता है और ऊर्जा को बढ़ाता है. अगर आप थके हुए महसूस करते हैं या दिनभर आलस आता है, तो ये अभ्यास आपके अंदर ताजगी ला सकता है. इसलिए इसे ‘विजयी श्वास’ कहा जाता है, क्योंकि इससे आत्मविश्वास और अंदरूनी शक्ति दोनों बढ़ती हैं.
कैसे करें ये आसन?उज्जायी प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले एक शांत और आरामदायक जगह पर बैठ जाएं. अपनी आंखें बंद करें और पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें. अब नाक से धीरे-धीरे सांस लें, साथ ही गले से हल्की-हल्की ‘घर्र’ जैसी आवाज निकालें, जो बहुत धीमी होनी चाहिए. फिर इसी तरह नाक से धीरे-धीरे सांस छोड़ें. इस पूरे अभ्यास के दौरान आपका पूरा ध्यान अपनी सांसों पर होना चाहिए, ताकि मन भटक न सके. शुरुआत में आप इसे पांच मिनट तक करें और जब आपका अभ्यास मजबूत हो जाए तो धीरे-धीरे समय बढ़ा सकते हैं.
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
 



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