टीवी की जानी मानी एक्ट्रेस डॉली सोही का 47 वर्ष की उम्र में शुक्रवार सुबह निधन हो गया. वह बीते कुछ समय से सर्वाइकल कैंसर से जूझ रही थीं. यह कैंसर उनके फेफड़ों तक फैल चुका था. दुखद खबर यह है कि उनकी छोटी बहन अमंदीप सोही (जो एक अभिनेत्री थीं) का भी एक दिन पहले ही पीलिया से निधन हो गया था.
यह कैंसर गर्भाशय के निचले हिस्से (जिसे सर्विक्स कहते हैं) में सेल्स के असामान्य रूप से बढ़ने से होता है. ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के विभिन्न प्रकार असुरक्षित यौन संबंध के माध्यम से फैलते हैं और यह कैंसर का कारण बनते हैं. समय पर इलाज न कराने पर यह कैंसर अन्य अंगों में भी फैल सकता है.नई दिल्ली में स्थित पीएसआरआई अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार (एंडोस्कोपिक गायनेकोलॉजी) डॉ. राहुल मनचंदा का कहना है कि सर्वाइकल कैंसर हमारे देश में महिलाओं की मौत का एक प्रमुख कारण है. हालांकि वर्तमान में ब्रेस्ट कैंसर महिला मृत्यु दर का सबसे बड़ा कारण बन गया है, लेकिन सर्वाइकल कैंसर अभी भी आंकड़ों में आगे है.
मेटास्टेटिक कैंसर क्या है?यथार्थ हॉस्पिटल में कंसल्टेंट (ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी) डॉ. रोली बांठिया बताती हैं कि मेटास्टेटिक सर्वाइकल कैंसर बीमारी का एक एडवांस स्टेज है और यह सर्विक्स से आगे अन्य टिशू या अंगों में फैल सकता है, यह फेफड़ों, हड्डियों, लिवर आदि को प्रभावित कर सकता है. जब कैंसर अन्य अंगों में फैल जाता है तो जीवित रहने की दर कम हो जाती है, लेकिन कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से इसे कंट्रोल किया जा सकता है.
मेटास्टेटिक सर्वाइकल कैंसर के लक्षणडॉ. रोली बांठिया कहती हैं कि मेटास्टेटिक सर्वाइकल कैंसर में मरीजों को विभिन्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जिनमें सबसे प्रमुख लक्षण योनि से बदबूदार स्राव और मांसपिंड जैसा उभार शामिल है. इसके अतिरिक्त वजन कम होना, थकान और भूख कम लगना जैसे सामान्य लक्षण भी हो सकते हैं.
इलाज और सावधानियांडॉ. मनचंदा कहते हैं कि मेटास्टेटिक सर्वाइकल कैंसर के लिए उपचार विकल्पों में सर्जरी के बजाय कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी शामिल है. जल्द पता चलने पर इलाज कारगर होता है. नियमित पैप स्मीयर टेस्ट करवाना और युवा लड़कियों का टीकाकरण करवाना बहुत जरूरी है.  यह टीका 95 प्रतिशत से अधिक मामलों में सर्वाइकल कैंसर को रोक सकता है.



Source link