नई दिल्ली, 7 अक्टूबर 2025: एक 1,200 लोगों का कारवां, जिसमें अधिकांश क्यूबा माइग्रेंट्स शामिल हैं, मेक्सिको के दक्षिणी शहर टापाचुला से उत्तर की ओर बढ़ रहे हैं। उनका लक्ष्य बेहतर आर्थिक अवसरों की तलाश में है, लेकिन उनका गंतव्य स्थल अमेरिकी सीमा नहीं, बल्कि मेक्सिको सिटी है।
कारवां का गंतव्य स्थल एक क्रांतिकारी बदलाव की ओर इशारा करता है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कठोर प्रवासी नीतियों के कारण हुआ है। यह कारवां पिछले महीने से चल रहा है और इसके गंतव्य स्थल तक पहुंचने में कई सप्ताह लगेंगे। माइग्रेंट्स को उम्मीद है कि वे मेक्सिको सिटी में उच्च वेतन के नौकरियों को प्राप्त करेंगे, जहां गरीबी अधिक है।
टापाचुला, जो मेक्सिको के सबसे गरीब राज्य चियापास में स्थित है, वर्षों से प्रवासी संकट से जूझ रहा है। यह शहर ग्वाटेमाला के साथ सीमा पर स्थित है, जहां गैंग वार और गरीबी के कारण प्रवासी बड़ी संख्या में भाग रहे हैं।
वाशिंगटन ऑफिस ऑन लैटिन अमेरिका के अनुसार, माइग्रेंट्स सोशल मीडिया का उपयोग करके मेक्सिकन सरकार से प्रार्थना कर रहे हैं कि वे उनके शरणार्थी मामलों को सुलझाने और मेक्सिको सिटी में रहने के लिए उचित दस्तावेज प्रदान करें।
स्पेन के अखबार एल पैस ने हाल ही में बताया है कि भ्रष्टाचार और जबरन वसूली माइग्रेंट्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। अखबार ने बताया है कि यह समस्या मेक्सिकन कमीशन फॉर रिफ्यूजी असिस्टेंस के लिए एक बड़ा बाधा है।
मेक्सिको में रहने के लिए पैस की कमी के बावजूद, कई माइग्रेंट्स को लगता है कि मेक्सिको में रहना अमेरिका की तुलना में बेहतर है। एक क्यूबन महिला ने अखबार को बताया, “मैं क्यों अमेरिका जाऊं? वहां हमें नापसंद किया जाता है।”
अमेरिकी सीमा पर प्रवेश की दरों में गिरावट के बावजूद, क्यूबन माइग्रेंट्स का अमेरिका की ओर नहीं जाने का फैसला महत्वपूर्ण है। अमेरिका में बड़ी संख्या में क्यूबन समुदाय हैं, जो फ्लोरिडा और न्यूयॉर्क में स्थित हैं।
लेकिन यह सवाल अभी भी खुला है कि यह एक लंबे समय तक चलने वाली प्रवृत्ति है या नहीं। फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज की सीनियर डायरेक्टर और हेड ऑफ सेंटर ऑन इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल पावर (सीईएफपी) एलेन डेजेंस्की ने बताया, “अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी संगठन के अनुसार, मध्य 2025 में मेक्सिको में सर्वेक्षित माइग्रेंट्स के लगभग 50% ने मेक्सिको को अपना गंतव्य स्थल बताया है, जो 2024 के अंत में लगभग 25% से बढ़कर है।”
डेजेंस्की ने बताया, “यह सुझाव देता है कि अमेरिकी सीमा पर कठोर नीतियों और प्रवासियों के अमेरिका की ओर नहीं जाने का फैसला कुछ ऐसा है जो प्रवासियों के विकल्पों को प्रभावित कर रहा है।”
माइग्रेंट्स के अमेरिका की ओर नहीं जाने का फैसला एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जो अमेरिकी सीमा पर प्रवेश की दरों में गिरावट को दर्शाता है। अमेरिकी सीमा पर प्रवेश की दरें वर्षों से गिर रही हैं।
लेकिन यह सवाल अभी भी खुला है कि प्रवासियों के अमेरिका की ओर नहीं जाने का फैसला एक लंबे समय तक चलने वाली प्रवृत्ति है या नहीं। डेजेंस्की ने बताया, “हमें सीमा सुरक्षा के बारे में गंभीर बातचीत करनी होगी, लेकिन हमें यह भी सोचना होगा कि प्रवासी कैसे हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं।”
डेजेंस्की ने बताया, “दोनों मेक्सिको और अमेरिका में कुछ क्षेत्रों में श्रम की कमी है। जबकि अनियंत्रित प्रवासी प्रवेश को एक समस्या माना जा सकता है, अमेरिकी सरकार की प्रवासी सुधार की कमी से कई नौकरियां खाली रह जाएंगी, खासकर जिन क्षेत्रों में प्रवासी श्रम की आवश्यकता होती है, जैसे कि कृषि क्षेत्र।”
इसलिए, प्रवासी सुधार को सीमा सुरक्षा के साथ जोड़कर नहीं देखा जा सकता है। हमें प्रवासियों के कार्यों और प्रवासी सुधार के महत्व के बारे में गंभीर बातचीत करनी होगी।