Triple Century: 39 साल की उम्र तक आते-आते अमूमन इंटरनेशनल क्रिकेटर्स संन्यास का मन बना लेते हैं. ऐसे गिने-चुने ही क्रिकेटर रहे होंगे, जिन्होंने इस उम्र में अपने देश के लिए क्रिकेट खेला है. आज हम उस बल्लेबाज की कहानी लेकर आए हैं, जिसने 39 की उम्र में न सिर्फ अपने देश के लिए क्रिकेट खेला, बल्कि तिहरा शतक जड़कर इतिहास रच दिया था. इस बल्लेबाज ने टेस्ट क्रिकेट में यह तिहरा शतक लगाने का कमाल किया, जो दुनिया के गिने-चुने बल्लेबाज ही कर पाए हैं. 10 घंटे तक क्रीज पर रहकर उन्होंने गेंदबाजों को खूब छकाया. दिलचस्प यह है कि उन्होंने अपने आखिरी टेस्ट मैच में यह करिश्मा किया और तो और कप्तान का बल्ला लेकर उन्होने यह ट्रिपल सेंचुरी ठोकी. आइए जानते हैं इस बल्लेबाज के बारे में…
39 की उम्र में तिहरा शतक
दरअसल, 39 की उम्र में तिहरा शतक लगाने वाले इस बल्लेबाज का नाम एंडी सैंडम है. इंग्लैंड के इस पूर्व बल्लेबाज ने सिर्फ एक बड़ी पारी ही नहीं खेली थी, बल्कि यह ऐतिहासिक तिहरा शतक था. वो इसलिए क्योंकि वह टेस्ट इतिहास के पहला तिहरा शतक लगाने वाले बल्लेबाज बने. एंडी सैंडम इंग्लैंड के एक अनुभवी बल्लेबाज थे. उन्होंने 1930 में वेस्टइंडीज के दौरे पर यह कमाल किया. यह दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक था, क्योंकि वेस्टइंडीज ने उस समय तक अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज नहीं की थी. जमैका के किंग्स्टन में खेले गए चौथे और आखिरी टेस्ट मैच में सैंडम ने ट्रिपल सेंचुरी ठोकी थी, जो ड्रॉ पर खत्म हुआ. यह उनके करियर का आखिरी टेस्ट भी था.
10 घंटे तक गेंदबाजों को छकाया
एंडी सैंडम ने इंग्लैंड की पहली पारी में ओपनिंग करते हुए यह मैराथन पारी खेली. उन्होंने वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को 10 घंटे (600 मिनट) से अधिक समय तक क्रीज पर रहकर छकाया. उन्होंने एक ऐसी पिच पर बल्लेबाजी की, जहां स्पिनरों को मदद मिल रही थी, लेकिन विंडीज टीम के गेंदबाज एंडी सैंडम कस आगे घुटने टेकते नजर आए. इस बल्लेबाज ने 640 गेंदों का सामना करते हुए 325 रनों की पारी खेली, जिसमें 28 चौके भी लगाए. वह 39 की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर और तिहरा शतक लगाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं.
कप्तान का बल्ला लेकर की थी बैटिंग
उनकी इस पारी से जुड़ा दिलचस्प किस्सा यह है कि उन्होंने अपने कप्तान का बल्ला लेकर बैटिंग की थी. बताया जाता है कि एंडी सैंडम को अपने कप्तान फ्रेडी केलथोर्प का बल्ला उधार लेना पड़ा था, क्योंकि उनका अपना बल्ला टूट गया था. दरअसल, इंग्लैंड-वेस्टइंडीज सीरीज के दौरान सैंडम ने अपने सारे ‘एक्स्ट्रा’ बैट बेच दिए थे और अपने पास सिर्फ एक बैट ही रखा. हालांकि, यह बैट सीरीज के आखिरी टेस्ट के पहले टूट गया, जिससे उन्हें कप्तान का बल्ला लेना पड़ा. हालांकि, उनके लिए यह लकी साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने ऐतिहासिक पारी खेल डाली.
एंडी सैंडम का टेस्ट करियर
एंडी सैंडम का टेस्ट करियर बहुत लंबा नहीं था. उन्होंने 1921 से 1930 तक केवल 14 टेस्ट मैच खेले. इन मैचों में उन्होंने 38.21 की औसत से 879 रन बनाए, जिसमें 2 शतक (उनका तिहरा शतक और एक शतक) और 3 अर्धशतक शामिल थे. हालांकि, प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका करियर काफी शानदार रहा. उन्होंने 643 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 41284 रन बनाए, जिसमें 107 शतक और 165 अर्धशतक शामिल थे. वह महान प्रथम श्रेणी क्रिकेटर थे.