Top 5 Ayurvedic Therapy For Smooth Functioning of Nervous System | बिना रुके काम करेगा नर्वस सिस्टम, अगर इन 5 आयुर्वेदिक तरीकों से कर लेंगे दोस्ती

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Top 5 Ayurvedic Therapy For Smooth Functioning of Nervous System | बिना रुके काम करेगा नर्वस सिस्टम, अगर इन 5 आयुर्वेदिक तरीकों से कर लेंगे दोस्ती



Ayurvedic Therapy For Nervous System: मॉडर्न लाइफस्टाइल, स्ट्रेस और इरेगुलर रूटीन सबसे ज्यादा असर नर्वस सिस्टम पर डालती है. ये सिस्टम हमारे शरीर के हर अंग को कंट्रोल करता है. अगर ये कमजोर हो जाए तो नींद की कमी, एंग्जाइटी, सिरदर्द, थकान और यहां तक कि गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं. आयुर्वेद में नर्वस सिस्टम को बैलेंस रखने और मजबूत बनाने के कई कुदरती उपाय बताए गए हैं. आइए जानते हैं कि वो 5 असरदार आयुर्वेदिक तरीके कौन-कौन से हैं.
नसों की सेहत के लिए आयुर्वेदिक तरीके
1. प्राणायाम (Pranayama)प्राणायाम को आयुर्वेद और योग में सबसे असरदार माना गया है. ये सांसों को कंट्रोल करके दिमाग और नसों को सुकून देता है. अनुलोम-विलोम नर्वस सिस्टम को बैलेंस करता है. भ्रामरी तनाव और अनिद्रा को कम करती है. कपालभाति दिमाग में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाकर नसों को सक्रिय करती है. रोजाना 10-15 मिनट प्राणायाम करने से नर्वस सिस्टम मजबूत होता है.

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2. नस्य थेरेपी (Nasya Therapy)ये एक प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति है जिसमें मेडिसिनल ऑयल या घी की कुछ बूंदें नाक में डाली जाती हैं. नस्य थेरेपी दिमाग की नसों को पोषण देती है. माइग्रेन, सिरदर्द और चिंता में राहत देती है. रेगुलर यूज से दिमाग तेज और शांत रहता है.
3. अभ्यंग ऑयल मसाज (Abhyanga Oil Massage)गर्म हर्बल तेल से मालिश करना नर्वस सिस्टम को गहराई तक आराम देता है. तिल का तेल, अश्वगंधा तेल या ब्राह्मी तेल से मसाज फायदेमंद है. ये मांसपेशियों और नसों के तनाव को कम करता है. शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर बनाता है और नींद को गहरा करता है.

4. मेडिटेशन (Meditation)ध्यान मानसिक तनाव को कम करने का सबसे आसान उपाय है. 10-20 मिनट का मेडिटेशन दिमाग की कोशिकाओं को शांत करता है. ये कंसंट्रेशन और मेमोरी पावर बढ़ाता है. नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करके संतुलित रखता है.

5. नेचुरल हर्ब्स (Natural Herbs)आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियां बताई गई हैं जो नर्वस सिस्टम को मजबूती देती हैं. जैसे
अश्वगंधा: तनाव और थकान दूर करती है.
ब्राह्मी: याददाश्त और दिमागी ताकत बढ़ाती है.
जटामांसी: एंग्जाइटी और नींद की कमी में असरदार है.
शंखपुष्पी: नसों को पोषण देती है और दिमागी सुकून लाती है.



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