उत्तर प्रदेश में एसआईआर के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी पूरी तरह से जमीन पर उतर गई है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही कहा था कि एसआईआर को लेकर उत्तर प्रदेश में उनकी तैयारियां पूरी हैं, और अब यह बात साफ हो गई है कि समाजवादी पार्टी हर बूथ पर PDA प्रहरी नियुक्त करने का ऐलान कर चुकी है. यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2027 के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं.
समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अब मतदाता सूची की भी रक्षा करनी है, बूथों पर वोटों की रक्षा करनी है, और वोटिंग होने के बाद ईवीएम मशीनों की भी रक्षा करनी है. समाजवादी पार्टी इस बात को मानकर चल रही है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले एसआईआर को लेकर उन्हें हर हाल में जमीन पर उतरना है. यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब बिहार में एसआईआर हो रहा था, और समाजवादी पार्टी तभी से अलर्ट के मोड में आ गई थी.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं को सूचित किया है कि 2027 की विधानसभा चुनाव के लिए अब हर बूथ पर एसआईआर प्रहरी नियुक्त किया जा रहा है. ऐसे में अब हर हाल में एसआईआर को लेकर कार्यकर्ता जमीन पर उतरें. सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा है कि समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले एसआईआर के मुद्दे पर न सिर्फ अपने PDA प्रहरी नियुक्त किए हैं बल्कि जमीन पर इन लोगों को कम करने की दिशा निर्देश भी दे दिए हैं. इलेक्शन कमिशन आफ इंडिया की तरफ से जो जरूरी कागजात एसआईआर के लिए चाहिए वह सारे कागजात कार्यकर्ताओं को इकट्ठा करने के लिए कहा गया है.
समाजवादी पार्टी का मानना है कि इससे न सिर्फ उनके कार्यकर्ताओं की बड़ी एक्सरसाइज हो जाएगी बल्कि इलेक्शन कमिशन आफ इंडिया के खिलाफ चल रहे माहौल को भी सियासी तौर से अपने पक्ष में करने के लिए ज्यादा सकारात्मक माहौल मिल पाएगा. वरिष्ठ पत्रकार विजय उपाध्याय ने कहा है कि फिलहाल उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव 2027 में है, लेकिन एसआईआर की घोषणा के साथ ही उत्तर प्रदेश में सियासी माहौल अब अपने आखिरी चरण पर पहुंच चुका है. एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी एसआईआर को लेकर पीडीए प्रहरी नियुक्त करने की घोषणा कर चुकी है वहीं बहुजन समाज पार्टी भी इस पूरे मुद्दे को लेकर अपने कार्यकर्ताओं के बीच में जा रही है. कुल मिलाकर एसआईआर अब उत्तर प्रदेश में चुनाव के माहौल को और ज्यादा कड़क बना दे रही है.

