What is Senile Vaginitis: सेनाइल वेजाइनाइटिस, जिसे एट्रोफिक वेजाइनाइटिस (Atrophic Vaginitis) भी कहा जाता है, खास तौर से मेनोपॉज (Menopause) के बाद महिलाओं में पाई जाने वाली एक कॉमन गायनेकोलॉजिकल प्रॉब्लम है. ये कंडीशन तब होती है जब महिलाओं की बॉडी में एस्ट्रोजेन हार्मोन का लेवल कम हो जाता है, जिससे वजाइना की अंदरूनी परत पतली, सूखी और कम लचीली हो जाती है. ये बदलाव इंफेक्शन और सूजन की परेशानी बढ़ा देता है.
एस्ट्रोजेन का लेवल घटने से वजाइना के नेचुरल पीएच लेवल में चेंज आता है, गुड बैक्टीरिया (Lactobacillus) की संख्या घटती है और हार्मफुल बैक्टीरिया और फंगस बढ़ने लगते हैं, जिससे खुजली, जलन, दर्द और डिस्चार्ज जैसी परेशानियां सामने आती हैं.
क्यों होती है ये बीमारी?
सेनाइल वेजाइनाइटिस का बड़ा कारण एस्ट्रोजेन की कमी है, जो कई कंडीशंस में देखने को मिलती है, जैसे-
1. मेनोपॉज: कुदरती तौर से 45–55 साल की उम्र में.
2. हिस्टेरेक्टॉमी या ओवरी हटाने के बाद: जब एस्ट्रोजेन का प्रोडक्शन अचानक बंद हो जाता है.
3. कैंसर ट्रीटमेंट के बाद: कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी से हार्मोन का लेवल घट सकता है.
4. लंबे वक्त तक ब्रेस्टफीडिंग: प्रोलैक्टिन बढ़ने से एस्ट्रोजेन का लेवल अस्थायी रूप से कम हो सकता है.
5. हार्मोन इम्बैलेंस: किसी भी कारण से लंबे समय तक कम एस्ट्रोजेन लेवल रहना.
शुरुआती लक्षण
सेनाइल वेजाइनाइटिस के लक्षण धीरे-धीरे डेवलप होते हैं और शुरुआत में हल्के हो सकते हैं. अर्ली डायग्नोसिस से इलाज आसान हो जाता है.
1. वजाइना में सूखापन (Vaginal Dryness): ये सबसे आम शुरुआती लक्षण है, जिससे डिसकंफर्ट महसूस होता है.
2. खुजली और जलन: वजाइना और बाहरी प्राइवेट पार्ट (Vulva) में ऐसा महसूस होता है.
3. हल्का रेडनेस या सूजन: इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है.
4. संभोग के समय दर्द (Dyspareunia): सूखापन और नाजुक टिशू के कारण यौन संबंध बनाने में दर्द होता है
5. बार-बार पेशाब लगना या जलन: यूरेथ्रा भी अफेक्टेड हो सकता है.
6. हल्का पानी जैसा या पीला डिस्चार्ज: जो नॉर्मल से अलग गंध वाला हो सकता है.
इलाज न मिलने पर क्या होगा?
1. बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)
2. क्रॉनिक वेजाइनल इंफ्लेमेशन
3. वजाइना में माइक्रोटियर्स (छोटी चोटें)
4. फिजिकल रिलेशन बनाने में दिक्कत और रिश्तों पर असर
5. लाइफ की क्वालिटी में गिरावट
डायग्नोसिस कैसे किया जाता है?
सही डायग्नोसिस के लिए गाइनकोलॉजिस्ट कई स्टेप्स अपनाते हैं, जैसे-
1. डिटेल्ड मेडिकल हिस्ट्री: मेनोपॉज की कंडीशन, लक्षणों कितने दिनों तक रहा, सेक्सुअल हिस्ट्री, और कोई दूसरा हार्मोनल या मेडिकल कंडीशन.
2. फिजिकल एग्ज़ामिनेशन (Pelvic Exam): योनि की अंदरूनी परत की पतलापन, सूखापन, लालिमा और नाजुकता दिखना.
3. पीएच टेस्ट: योनि का पीएच आमतौर पर 3.8–4.5 होता है; सेनाइल वेजाइनाइटिस में ये बढ़कर 5 या उससे ज्यादा हो जाता है.
4. माइक्रोस्कोपिक टेस्ट: वजाइनल डिसचार्ज का सैंपल लेकर बैक्टीरिया या फंगस की जांच.
5. दूसरे टेस्ट: अगर लक्षण बार-बार हों तो पैप स्मीयर या कल्चर टेस्ट से दूसरे इंफेक्शन को भी रूल आउट किया जाता है.
इसका इलाजसेनाइल वेजाइनाइटिस का इलाज लक्षणों को कम करने, इंफेक्शन को रोकने और वजाइना की हेल्थ रिस्टोर करने पर फोकस्ड होता है.
1. लोकल ट्रीटमेंट-वॉटर-बेस्ड या सिलिकॉन बेस्ड लुब्रिकेंट्स: संभोग के वक्त सूखापन और दर्द कम करने के लिए ऐसा किया जाता है.
-वेजाइनल मॉइस्चराइजर: ये रेगुलरली इस्तेमाल करने पर लंबे समय तक नमी बनाए रखते हैं.
2. हार्मोनल ट्रीटमेंटलोकल एस्ट्रोजेन थेरेपी
वेजाइनल क्रीम
वेजाइनल टैबलेट्स
3. एस्ट्रोजेन रिंगजो 3 महीने तक धीरे-धीरे हार्मोन रिलीज करती है. ये सीधे वजाइनल टिशू में एस्ट्रोजेन पहुंचाकर मोटाई और नमी रिस्टोर करते हैं.
4. ओरल हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT)पूरे शरीर में एस्ट्रोजेन का लेवल बढ़ाने के लिए, लेकिन सिफ डॉक्टर की सलाह पर ऐसा करवाना चाहिए, क्योंकि इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं.
5. नॉन-हार्मोनल ट्रीटमेंटओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन E, और प्लांट-बेस्ड फाइटोएस्ट्रोजेन बेस्ड डाइट खाना चाहिए.
6. रेगुलर पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (Kegels)वजाइना और पेशाब के रास्ते की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए ऐसा किया जाता है.
7. लाइफस्टाइल और घरेलू उपाय
गुनगुने पानी से सफाई: लेकिन बहुत ज्यादा साबुन या केमिकल बेस्ड वॉश से बचें.
ब्रीदेबव कॉटन अंडरवियर पहनें: जिससे नमी और पसीना कम हो.
हाइड्रेशन बनाए रखें: भरपूर पानी पिएं.
नियमित संभोग या सेक्सुअल एक्टिविटी: ब्लड सर्कुलेशन और टिश्यू हेल्थ को बेहतर बनाता है.
मसालेदार और बहुत गरम खाद्य पदार्थ कम करें: जो जलन बढ़ा सकते हैं.
प्रिवेंशनहालांकि मेनोपॉज के बाद हार्मोनल चेंजेज को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ उपायों से लक्षण हल्के रह सकते हैं, जैसे-
1. समय-समय पर गाइनकोलॉजिकल चेकअप कराना.
2. शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करना.
3. बैलेंस डाइट
4. रेगुलर एक्सरसाइज
5. शराब और स्मोकिंग से बचना
इन बातों को समझेंसेनाइल वेजाइनाइटिस एक कॉमन लेकिन अक्सर अनदेखी की जाने वाली कंडीशन है, जो मेनोपॉज के बाद कई महिलाओं को अफेक्ट करती है. इसकी शुरुआती पहचान और सही इलाज से न सिर्फ डिसकंफर्ट को कम किया जा सकता है बल्कि वजाइना की सेहत भी लंबे समय तक बनाए रखी जा सकती है. अगर आपको वजाइन में सूखापन, जलन, दर्द या बार-बार इंफेक्शन के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत गाइनोकोलॉजिस्ट से मिलें. वक्त पर उठाए गए सही कदम लाइफ की क्वालिटी में बड़ा सुधार ला सकती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.