आज की तेज रफ्तार जिंदगी में स्ट्रेस एक ‘नया नॉर्मल’ बन गया है, लेकिन इसकी पकड़ इतनी खामोशी से होती है कि जब तक हम चेतें, तब तक शरीर अंदर से टूटने लगता है. मानसिक थकान का असर सिर्फ दिमाग तक सीमित नहीं रहता, बल्कि ये आपकी त्वचा, पाचन, नींद, दिल और यहां तक कि इम्युनिटी पर भी बुरा असर डालता है. इसलिए जरूरी है कि आप अपने शरीर के इन छोटे-छोटे संकेतों को समय रहते पहचानें.
अगर आप रातभर की नींद लेने के बावजूद सुबह थके हुए उठते हैं, तो यह आपके शरीर का ‘हाई अलर्ट मोड’ में होने का संकेत हो सकता है. तनाव हमारी नींद की क्वालिटी को प्रभावित करता है, जिससे शरीर को जरूरी आराम नहीं मिल पाता. यह स्थिति इम्यून सिस्टम को कमजोर करती है, उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज करती है और हार्ट डिजीज व डायबिटीज जैसी बीमारियों की आशंका बढ़ाती है.
बिना वजह दर्द या जकड़नगर्दन में अकड़न, पीठ में दर्द या जबड़े का टाइट महसूस होना… ये सब सिर्फ बढ़ती उम्र के संकेत नहीं हैं. लंबे समय तक तनाव में रहने से मसल्स लगातार तन रहती हैं, जिससे शरीर में सूजन और दर्द की समस्या होती है. यह सूजन भविष्य में गंभीर बीमारियों की वजह बन सकती है.
कुछ महसूस ही नहीं होनातनाव का एक बड़ा लेकिन अनदेखा लक्षण है इमोशनल सुन्नता. जब आप किसी बात से दुखी, खुश या उत्तेजित नहीं होते, तो यह मानसिक थकान का संकेत हो सकता है. यह स्थिति डिप्रेशन और सामाजिक अलगाव की तरफ ले जा सकती है.
भूलने की आदतक्या आप बार-बार चीजें भूलने लगे हैं? कमरे में जाकर भूल जाते हैं कि क्यों आए थे? यह “स्ट्रेस ब्रेन” का असर हो सकता है, जो दिमाग की संरचना को बदल देता है. लंबे समय तक ऐसा रहना मानसिक रोगों और याददाश्त की समस्याओं की शुरुआत हो सकती है.
जंक फूड की तलबतनाव शरीर में भूख के हार्मोन को बिगाड़ देता है, जिससे मिठाई और तले-भुने खाने की लालसा बढ़ जाती है. इससे मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.