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The Spirit of Yoga program will be organized in America it will explain the true meaning of yoga | अमेरिका में योगा पर होगा कार्यक्रम, ‘द स्पिरिट ऑफ योग’ समझाएगा असली मतलब



The Spirit of Yoga: दुनिया भर में लोग 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे (आईडीवाई) मनाने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे समय में योग को लेकर पहल किया जा रहा है. ऑर्गेनाइजर ने रविवार को एक बयान में कहा कि 22 जून को लॉन्ग आइलैंड में ग्लोबल हारमनी हाउस में ‘द स्पिरिट ऑफ योग’ नाम का एक खास कार्यक्रम रखा गया है. इसे ब्रह्मा कुमारिज वर्ल्ड स्पिरिचुअल ऑर्गनाइजेशन होस्ट कर रहा है.
 
इंटरनेशनल योगा डे इंटरनेशनल योगा डे (21 जून) के ज्यादातर प्रोग्राम बॉडी पॉश्चर और लचीलेपन के प्रभावशाली सार्वजनिक प्रदर्शन पर आधारित होते हैं, वहीं अमेरिका में आयोजित ‘द स्पिरिट ऑफ योगा’ कार्यक्रम योग की सच्ची आत्मा को दोबारा प्राप्त करने और इसकी गहरी आध्यात्मिक जड़ों के बारे में फिर से फोकस करने का एक कोशिश है.
 
कौन-कौन भाग लेंगेइस कार्यक्रम में अनेक फेमस व्यक्ति, स्पिरिसुयल गुरु और प्रैक्टिशनर शामिल होंगे, जो हॉल में उपस्थित लगभग 250 योगियों को ज्ञान, प्रेरणा और यौगिक वैल्यू का लाइफ एक्सपीरियंस देने का काम करेंगे, इसके साथ-साथ अनेक लोग वर्चुअली इसमें जुड़ेंगे. न्यूयॉर्क में भारत के कन्सुल जनरल बिनया श्रीकांत चीफ गेस्ट होंगे, जो ब्रह्माकुमारीज इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन की चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव हेड बीके मोहिनी दीदी की उपस्थिति में दुनिया को भारत की ओर से दिए गए योग के गिफ्ट पर बोलेंगे.
 
ग्लोबल हारमनी हाउसग्लोबल हारमनी हाउस एक स्पिरिचुअल सेंटर है, जो लोगों को शांति से बैठकर योग को महसूस करने का माहौल देता है. यह मेडिटेशन और स्पिरिचुअल टीचिंग के माध्यम से शांति और पॉजिटिविटी को बढ़ावा देता है. यह प्रोग्राम लोगों को योग की गहराई से समझने और उसे मनाने का मौका देगा.
 
UN में योग पर हुई बातUN में ब्रह्माकुमारीज की एनजीओ प्रतिनिधि गायत्री नारायण ने कहा, “आज के व्यावसायिक स्वास्थ्य जगत में, योग को अक्सर फिटनेस तक सीमित कर दिया जाता है. लेकिन योग की असली भावना आध्यात्मिक जागरूकता के माध्यम से अपने सर्वश्रेष्ठ स्वरूप और परमात्मा से जुड़ने के बारे में है.”
 
योग को लेकर जागरूकताप्रोग्राम के सह-संचालक परवीन चोपड़ा ने कहा, “हम योग को एक ऐसे तरीके के रूप में देख रहे हैं जो जागरूकता, आत्म-साक्षात्कार और सद्भाव पर आधारित है. पतंजलि के अष्टांग योग में ध्यान सबसे जरूरी है, आसन तो उसका एक छोटा सा हिस्सा हैं.”–आईएएनएस
 
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



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