हमीरपुर जिले के मौदहा विकासखंड के अरतरा गांव में श्मशान घाट तक जाने वाला रास्ता बीते 14 वर्षों से बदहाल स्थिति में है. बरसात के मौसम में यह रास्ता पूरी तरह से कीचड़ और दलदल में बदल जाता है, जिससे ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के समय भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह रास्ता लगभग एक किलोमीटर लंबा है और आज भी पूरी तरह से कच्चा है. 2011 में मोक्षधाम का निर्माण हुआ था, लेकिन तब से लेकर अब तक इस रास्ते पर पक्की सड़क नहीं बन पाई.
हर बरसात में यह रास्ता कीचड़ और दलदल में तब्दील हो जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि रास्ते की दुर्दशा के कारण अर्थी को उठाकर ले जाना एक कठिन कार्य बन चुका है. शनिवार को गांव के निवासी शिवशंकर के पुत्र विजय किशोर (22) की मृत्यु हो गई. अंतिम संस्कार के लिए परिजनों और ग्रामीणों को कीचड़ भरे रास्ते से अर्थी, लकड़ी और कंडे कंधों पर उठाकर ले जाने पड़े. इस दौरान कई बार लोग फिसले और गिरे भी. इस दृश्य का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो लोगों में आक्रोश फैल गया.
मौदहा क्षेत्र के अरतरा गांव के लोगों को श्मशान घाट तक जाने के लिए सड़क न होने से परेशानी हो रही है. ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के समय भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह रास्ता कीचड़ और दलदल में बदल जाता है, जिससे ग्रामीणों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. यह दृश्य देखकर लगता है कि यहां की स्थिति बहुत ही खराब है और सरकार को इस समस्या का समाधान करना होगा.