विशाल भटनागर/मेरठ: मौसम में बदलाव के साथ ही बीमारियों का दौर भी शुरू हो गया है. अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोग अपना उपचार करने पहुंच रहे हैं. वहीं अगर पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट की बात करें तो पहले की तुलना में छोटे बच्चों को जुकाम, खांसी, निमोनिया सहित अन्य प्रकार की बीमारियों की शिकायत ज्यादा देखने को मिल रही है.

वहीं देखा जाता है कि मौसम बदलते ही हर घर में बीमारियों का दौर शुरू हो जाता है. डॉक्टर इसके पीछे लापरवाही को बड़ा कारण मानते हैं. लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. नवरत्न गुप्ता ने बताया कि ठंड के मौसम में माता-पिता को अपने बच्चों पर खास ध्यान देना चाहिए. नवजात शिशु से लेकर 14 साल तक के बच्चों के टेंपरेचर में अगर थोड़ी सी भी गिरावट देखने को मिले तो तुरंत बालरोग विशेषज्ञ से सलाह लें.

ऐसे चेक करें बच्चों का टेंपरेचरबताया कि अक्सर माता-पिता इस चीज में कंफ्यूज रहते हैं कि कैसे वे छोटे बच्चों का टेंपरेचर देखें. तो ऐसे सभी अभिभावक अपने बच्चों के हाथ-पैर और पेट के तापमान को देख सकते हैं. अगर हाथ-पैर ज्यादा ठंडा है और पेट भी ठंडा होने लगा है तो बच्चे को सर्दी ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है. ऐसे में तुरंत विशेषज्ञ को दिखाएं.

लापरवाही से हो जाता है निमोनियाठंड के मौसम में अगर थोड़ी सी भी लापरवाही माता-पिता द्वारा की जाती है तो छोटे बच्चों को निमोनिया सहित गंभीर बीमारी घेर लेती है. इससे बच्चों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. ऐसे में अगर शुरुआती दौर में ही माता-पिता सावधानी बरते हुए एक्सपर्ट को दिखाएंगे तो बच्चा निमोनिया का शिकार नहीं होगा. इतना ही नहीं उनका तो यह भी कहना है ठंड से बचाव के लिए अभिभावक बच्चों को गर्म कपड़े पहनना शुरू कर दें. हाथ-कान और पैर को ढक कर रखें, जिससे कि बच्चों को ठंड न लगे. बता दें कि मेरठ मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में पहले की तुलना में 60% तक माता-पिता अपने ऐसे ही बच्चों का इलाज करने पहुंच रहे हैं. जिन्हें सर्दी ने जकड़ लिया है.
.Tags: Child Care, Health tips, Local18, Meerut newsFIRST PUBLISHED : November 28, 2023, 20:29 IST



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