Ravi Shastri: भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट के फॉर्मेट में केवल शीर्ष 6 टीमों तक ही सीमित रखा जाना चाहिए. शास्त्री ने आगे कहा कि सफेद गेंद वाले क्रिकेट पर जोर दिया जाना चाहिए. शास्त्री ने आगे कहा, ‘बात यह है कि यह फुटबॉल मॉडल है. आपके पास ईपीएल, ला लीगा, जर्मन लीग, दक्षिण अमेरिका कोपा अमेरिका है. भविष्य में ऐसा ही होगा, आपके पास एक विश्व कप होगा और फिर बाकी दुनिया भर में होने वाली सभी अलग-अलग लीग होंगी.’
शास्त्री ने उठाई बड़ी मांग
जिस तरह से वह टेस्ट प्रारूप चाहते हैं, शास्त्री ने जोर देकर कहा कि प्रारूप केवल 6 पक्षों तक सीमित नहीं होगा, बल्कि टीमों को प्रारूप खेलने में सक्षम होने के लिए शीर्ष छह का हिस्सा बनने के लिए परीक्षा से गुजरना होगा. शास्त्री के प्रस्ताव के अनुसार, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, जिम्बाब्वे, अफगानिस्तान, आयरलैंड और श्रीलंका जैसी टीमें टेस्ट खेलने से चूक जाएंगी, जो अभी तक टेस्ट रैंकिंग में शामिल नहीं हैं.
सीरीज के लिए करना पड़े क्वालीफाई
चाहे वह भारत, ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड हो, आपको टेस्ट मैच क्रिकेट खेलने के लिए रेड-बॉल सीरीज के लिए क्वालीफाई करना होगा. फिर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इंग्लैंड वेस्टइंडीज में नहीं जाता है, या वेस्टइंडीज इंग्लैंड में आता है. अगर उन्हें टॉप 6 पर आना है तो खेले और अगर नहीं आना है तो न खेले. शास्त्री के विचारों के विपरीत, वेस्टइंडीज ने मार्च में तीन मैचों की सीरीज में इंग्लैंड को 1-0 से हराया, जबकि श्रीलंका ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी दो मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 से ड्रॉ की. यह पूछे जाने पर कि क्या वह टेस्ट क्रिकेट को सिर्फ 6 टीमों में रखने से खुश होंगे, भारत के पूर्व ऑलराउंडर शास्त्री ने अच्छा जवाब दिया.
उन्होंने कहा, ‘बिल्कुल, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट क्या है? यह आपकी परीक्षा लेता है और इसके लिए आपको गुणवत्ता की आवश्यकता होती है. अगर गुणवत्ता नहीं है तो इसे कौन देखेगा? यदि विपक्ष सही नहीं है तो आपके पास तीन दिवसीय खेल, दो दिवसीय खेल होने जा रहे हैं.’

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