ऋषभ चौरसिया/ लखनऊ. नन्हे नमकीन भंडार अपने स्‍वाद के कारण न सिर्फ लखनऊ बल्कि आसपास के जिलों में भी काफी फेमस है. फेमस हो भी क्यों ना? जब आपकी जुबान के मुताबिक नमकीन मिल जाए और क्वालिटी भी बेहतर हो तो फेमस होना लाजमी है. 1952 में रायबरेली से लखनऊ आकर बसे भगवान दास ने अपने बेटे ‘नन्हे’ के नाम पर दुकान खोली थी. साथ ही सेव, दालमोठ और बूंदी बेचना शुरू किया था. उनका मकसद लखनऊ आकर छोटा व्यापार करने का इरादा था, लेकिन उनके हाथों के जादू ने ऐसा कमाल किया कि छोटा व्यापार कब बड़ा हो गया, पता ही नहीं चला.आज यह नमकीन की दुकान खासी मशहूर है. जबकि नन्हे नमकीन की खासियत ये है कि यहां जैसी नमकीन और सेव (खास कर हींग वाले सेव) कहीं और नहीं मिलते. साथ ही स्‍वाद ही गजब है.चौथी पीढ़ी संभाल रही दुकानभगवान दास द्वारा शुरू की गई दुकान आज काफी मशहूर है. जबकि नमकीन के कारोबार को अब उनकी चौथी पीढ़ी संभाल रही है. चौथी पीढ़ी के विशाल वर्मा ने बताया कि नमकीन की क्वालिटी के साथ कभी समझौता नहीं किया. वह अपने पिता और दादा की विरासत को आगे लेकर जा रहे हैं.125 से ज्यादा तरीके की है नमकीनदुकान मालिक विशाल वर्मा ने बताया कि अभी उनके पास 125 से ज्यादा तरीके के नमकीन है. इसमें मेथी गाठिया, पालक साखे, मैदा लहसुन, गाठिया, मैदा करेला, बेसन पपड़ी, जीरा साखे, गुड पारा समेत खास वैरायटी शामिल हैं.आसपास के जिलों से आते हैं नमकीन लेने लोगविशाल वर्मा ने कहा कि लखनऊ के अलावा आसपास के कई जिलों के लोग नमकीन लेने आते हैं. नमकीन की क्‍वालिटी को हमारा स्‍पेशल मसाला सबसे अलग बनाता है. वहीं, ग्राहकों का कहना है कि यहां की नमकीन खाने से पेट खराब नही होता और ना ही गला जलता है. टेस्ट और साफ सफाई के मामले में ये बेस्ट दुकान है.अगर आप भी नन्हे नमकीन का स्‍वाद लेना चाहते हैं, तो लखनऊ के 100 हसनगंज फैजाबाद रोड, डालीगंज आना होगा. इसके साथ आप चारबाग रेलवे स्टेशन से अपने निजी वाहन, कैब और टैक्सी लेकर आसानी से आ सकते हैं..FIRST PUBLISHED : May 22, 2023, 13:03 IST



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