तंजीम फातिमा के बयान पर सपा में घमासान, भिड़े हसन -रूचिवीरा, क्या आजम परिवार थामेगा ‘रावण’ का हाथ?

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Last Updated:July 01, 2025, 10:55 ISTAzam Khan News: आजम खान इन दिनों सीतापुर जेल में हैं. वहीं उनकी पत्नी तनजीन फातिमा के बयान के बाद सपा में घमासान तेज हो गया है. इस बीच यह सियासी चर्चा शुरू हो गई कि आजम खान का परिवार पाला बदल सकता है. हालांकि …और पढ़ेंक्या आजम खान पार्टी बदलने वाले हैंहाइलाइट्सतंजीम फातिमा के हालिया 2 बयानों से चर्चा तेज.सपा के अधिकतर नेता अब आजम खान से किनारा कर चुके हैं.आजम खान परिवार का समर्थन ‘रावण’ को बड़ा फायदा पहुंचा सकता है.लखनऊ : समाजवादी पार्टी में पूर्व राज्यसभा सांसद और दिग्गज मुस्लिम नेता आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा के आरोपों के बाद एक बार फिर अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आ गई है. तंजीम फातिमा के सीतापुर जेल के बाहर हालिया बयान ने सपा के भीतर बवाल खड़ा कर दिया है. फातिमा के एक छोटे से बयान के बाद सपा के कद्दावर नेता मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन और वर्तमान सांसद रूचिवीरा के बीच तीखी बहस हो गई. इस बीच सियासी चर्चा गरम है कि क्या इन सब के बीच आजम खान का परिवार पाला बदल सकता है. गौरतलब है कि अब्दुल्लाह आज़म खान पिछले कई दिनों से रामपुर में हैं और सपा से दूरी साफ झलक रही है.पूर्व राज्यसभा सांसद तंजीम फातिमा के दो बयानों पर नजर डालें तो आजम खान के परिवार का सियासी रुख साफ नजर आएगा. सीतापुर जेल में आजम खान से मिलने के बाद तंजीम फातिमा का दर्द बाहर आया था. उन्होंने कहा था कि ‘ अब मुझे सपा नहीं, सिर्फ अल्लाह पर भरोसा है. वहीं रामपुर में एक जनसभा के दौरान तंजीम फातिमा ने कहा था कि अब वक्त आ गया है कि हम अपने हितों की राजनीति करें, जो हमारे दर्द को समझे, उसी का साथ दें.” हालांकि उन्होंने किसी पार्टी या नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन इसे सीधे तौर पर सपा नेतृत्व पर सवाल उठाने के रूप में देखा जा रहा है. राजनीति के जानकारों के मुताबिक, फातिमा की यह टिप्पणी पार्टी नेतृत्व से नाराजगी और समर्थन की कमी को प्रदर्शित करता है.

2 बयानों से तंजीम फातिमा ने दिया साफ संदेशतंजीम फातिमा के हालिया 2 बयानों के बाद सपा के भीतर मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं. मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने तंजीम फातिमा के बयान को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया वहीं आजम खान के परिवार पर तीखा हमला बोला है. कहा कि पार्टी ने हमेशा आजम खान परिवार के साथ खड़ा होकर संघर्ष किया है. गौरतलब है कि आजम खान की जिद के कारण लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद से एसटी हसन का टिकट काट दिया गया था वहीं उनकी रूचिवीरा को टिकट दिया गया था. आजम समर्थक रूचिवीरा ने पलटवार करते हुए कहा कि सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता. जब संकट में आजम साहब थे, तब कौन साथ खड़ा था, यह जनता जानती है. “दोनों नेताओं के बीच सोशल मीडिया से लेकर निजी बैठकों तक तीखी बहस हुई है, जिससे यह स्पष्ट है कि पार्टी के भीतर असंतोष गहराता जा रहा है.

क्या आजम परिवार बदल सकता है पाला?
तंजीम फातिमा के हालिया 2 बयानों से सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या आजम खान का परिवार सपा छोड़कर किसी नए गठबंधन या पार्टी की ओर रुख करेगा? इस रेस में बसपा और AIMIM का नाम भी लिया जा रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है- क्या आजम खान का परिवार चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ की पार्टी ‘आज़ाद समाज पार्टी’ से हाथ मिलाएगा? गौरतलब है कि चंद्रशेखर की लोकप्रियता मुस्लिम-दलित युवाओं के बीच तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में आजम खान परिवार का समर्थन ‘रावण’ को बड़ा फायदा पहुंचा सकता है, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में.

जेल में ऐसे बदले सियासी समीकरणगौरतलब है कि जहां सपा के अधिकतर नेता अब आजम खान से किनारा कर चुके हैं, वहीं नगीना सांसद चंद्रशेखर रावण ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया और आजम खान के परिवार में अपनी पकड़ मजबूत की. यूपी में पिछले दिनों 9 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हुए थे। उस दौरान नगीना सांसद चंद्रशेखर ने सीतापुर जेल में आजम खान से मुलाकात की थी और हरदोई जेल में बंद अब्दुल्लाह आजम से भी मिलने पहुंचे थे. इस दौरान आजम खान के करीबी नेताओं ने दावा किया था कि चंद्रशेखर रावण के साथ मिलकर आजम खान यूपी चुनाव से पहले एक मोर्चा बना सकते हैं.

कहां है चंद्रशेखर ‘रावण’ की नजर?आपको बता दें कि यूपी की राजनीति में बसपा के हालिया पतन के बाद एक बड़ा गैप आया है. इस बात को चंद्रशेखर रावण अच्छी तरह जानते हैं कि दलितों का एक बड़ा वर्ग उनके साथ आ सकता है और अब उनकी नजर मुस्लिम वोट बैंक पर है. पिछले दिनों आजाद समाज पार्टी में स्वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल हो गए थे. ऐसे में अगर आजम खान का परिवार भी आजाद समाज पार्टी में शामिल होता है तो मुस्लिमों की सहानुभूति भी मिलेगी. गौरतलब है कि यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 47 निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम-यादव-दलित (एमवाईडी) आबादी 50 प्रतिशत से ज़्यादा है. ऐसे में यह नया समीकरण सपा के लिए मुसीबत और रावण के लिए संजीवनी साबित हो सकता है.Location :Lucknow,Lucknow,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshतंजीम फातिमा के बयान पर सपा में घमासान, क्या आजम परिवार थामेगा ‘रावण’ का हाथ?

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