सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्याःसनातन धर्म में पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक पूजा पाठ करने से जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च को है और इस दिन भगवान शंकर माता पार्वती की पूजा आराधना करने का विधान है. कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था. भगवान शंकर एक ऐसे देवता हैं, जो मात्र एक लोटा जल अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं.

महाशिवरात्रि के पर्व का इंतजार शिव भक्त बड़ा बेसब्री से करते हैं और इस दिन शिव मंदिरों में लाखों की संख्या में शिव भक्त उनके शिवलिंग पर जलाभिषेक भी करते हैं. इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्त अनेक प्रकार के उपाय भी करते हैं. लेकिन क्या आप  जानते हैं भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा आराधना करते वक्त कुछ महत्वपूर्ण बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. ऐसा इसलिए क्योंकि पूजा पाठ से जुड़ी गलतियां व्यक्ति को परेशानी में डाल सकते हैं. तो चलिए इस रिपोर्ट में जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर माता पार्वती की पूजा आराधना में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

भगवान शंकर को प्रसन्न करने के उपायअयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम ने बताया कि शिवरात्रि का महापर्व 8 मार्च को है. इस दिन भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्त अनेक प्रकार के उपाय भी करते हैं. भगवान शंकर ही एक ऐसे देवता है जो मात्र एक लोटा जल अर्पित करने से ही प्रसन्न होते हैं. भगवान शंकर की पूजा आराधना करते वक्त कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. जिस आसन पर बैठना चाहिए उस आसन का रंग काला नहीं होना चाहिए. इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए. लाल अथवा सफेद रंग के आसन का प्रयोग करना चाहिए.

पूजा पाठ की  विधि, क्या करना है क्या नहींइसके अलावा जिस चीज में जल लेना चाहिए उस जल पर भूल कर भी पैर नहीं लगना चाहिए. भूल चूक से  अगर पैर लग जाता है तो उस जल का प्रयोग पूजा पाठ में नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही भगवान शंकर की पूजा आराधना करते समय मंत्र का जाप करना चाहिए. मंत्र के जाप करते वक्त और चीजों को दिमाग से निकाल देना चाहिए. इसके अलावा शास्त्रों में बताया गया है कि पूजा पाठ के दौरान दिशा का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए.

पूजा करते वक्त इस बात का ध्यान रहेपूजा आराधना करते वक्त व्यक्ति का मुख पूर्व अथवा उत्तर दिशा में होना चाहिए. इस दौरान उपासक को पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा आराधना करनी चाहिए. कहा जाता है देवी देवताओं का वास पूर्व दिशा में होता है. ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं. इसके अलावा महाशिवरात्रि के दिन खाली जमीन पर नहीं बैठना चाहिए. पूजा आराधना करते वक्त इस बात का ध्यान रहे कि साफ और स्वच्छ आसन पर ही बैठकर पूजा आराधना करें. ऐसा करने से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं.

.Tags: Dharma Aastha, Hindi news, Local18, Mahashivratri, Religion 18FIRST PUBLISHED : March 2, 2024, 11:49 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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