Uttar Pradesh

ताजमहल को टक्कर देता संगमरमर, पीतल, लकड़ी और कांच से बना मेरठ का ये चर्च, तस्वीरें देख हो जाएंगे खुश

Last Updated:December 23, 2025, 14:31 ISTMeerut Christmas Special News: क्रिसमस का त्योहार बस आ गया. हर ओर मेरी क्रिसमस की धूम है. ऐसे मौके पर आज हम आपको मेरठ के ऐसे चर्च में ले चलेंगे, जिसका इतिहास 206 साल पुराना है. इसे उत्तर भारत के सबसे पुराने चर्च होने का गौरव हासिल है. इस चर्च की यादें देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से भी जुड़ी हुई हैं. इससे जुड़ी ऐसे ऐसे दिलचस्प किस्से हैं, जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. गौरव की बात यह भी है कि इस ऐतिहासिक चर्च की पादरी एक महिला हैं. यह चर्च कितना पुराना है इसका अंदाज आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यहां कभी अंग्रेज कैरल गाया करते थे. इस चर्च की एक-एक ईंट दो सौ पांच छह साल पुराने इतिहास की साक्षी है. सेंट जोंस चर्च की आधारशिला 1819 में रखी गई थी. चर्च का डिजायन और वास्तुकला विशिष्ट इंग्लिश चर्च परंपरा की है. 1822 में चर्च बनकर तैयार हुआ था.1824 में बिशप रेजीनाल्ड हेबर ने इसका शुभारंभ किया था. उस समय चर्च की इमारत के निर्माण में मात्र 56000 रुपये का खर्च आया था. इसके निर्माण में संगमरमर, पीतल, लकड़ी और कांच का इस्तेमाल किया गया था. सिस्टर नोएल बताती हैं कि इस चर्च की रेलिंग पर कभी अंग्रेज़ क्रिसमस के गीत गाया करते थे. आज भी इस चर्च में वही लकड़ी की रेलिंग शोभायमान है. यही नहीं इस चर्च की इमारत और इसके गुम्बद आज भी दो सौ छह साल पुराने हैं. Add News18 as Preferred Source on Google इतिहास की बात करें तो तत्कालीन भारत के गर्वनर जनरल मार्कस हेस्टिंग्स भी इसकी उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे. बताया जाता है कि बिशप रेजीनाल्ड हेबर प्रसिद्ध कवि थे. उद्घाटन समारोह में वह कोलकाता से हाथी पर बैठकर मेरठ आए थे. तीन माह में उनका सफर पूरा हुआ था. चर्च के पास ही सेंट जॉन चर्च समाधि भी स्थित है, यहां कई अंग्रेजों की समाधियां आज भी देखने को मिलती हैं. इस चर्च में जो भी भक्त आते हैं वो इसके इतिहास के बारे में जानकर हैरान रह जाते हैं. 202 साल पुराने इस चर्च का जर्रा जर्रा इतिहास का साक्षी है. इस इमारत की एक एक ईंट 206 साल पुरानी है. महिला पादरी का कहना है कि आमतौर पर चर्च में फादर होते हैं, लेकिन 206 साल पुराने इस चर्च की देखभाल के जिम्मा उन्हें मिला है. ये उनके भी लिए गौरव की बात है. वाकई में चर्च इतिहास के साथ साथ गौरव का भी साक्षी है.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।First Published :December 23, 2025, 14:31 ISThomeuttar-pradeshताजमहल को टक्कर देता संगमरमर, पीतल, लकड़ी और कांच से बना मेरठ का ये चर्च

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