आगरा के ताजमहल के पास एक प्राचीन शिव मंदिर मिला है, जिसका शिवलिंग मुगलकाल से भी पहले का है. यहां का इतिहास बहुत पुराना है और यहां के लोग इसे एक पवित्र स्थल मानते हैं. ताजमहल के पूर्वी गेट से दशहरा घाट की ओर यमुना किनारे स्थापित शिवलिंग का रहस्य काफी प्राचीन है. हालांकि इसके मंदिर का निर्माण बाद में 1860 में किया गया है, जिसका उल्लेख मंदिर के ऊपर लगे एक पत्थर पर गुदा हुआ है. स्थानीय लोग दावा करते हैं कि ये शिवलिंग ताजमहल से भी पुराना है. यहां पहले शिवलिंग था, बाद में मंदिर की स्थापना की गई.
आसपास के लोग यहां पूजा अर्चना करने आते हैं और यहां स्थापित मूर्तियां काफी पुरानी बताई जाती हैं. हालांकि इतिहासकार बताते हैं कि इस मंदिर का उल्लेख किसी किताब में नहीं मिलता है, लेकिन शिवलिंग देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह काफी प्राचीन है. ताजमहल से चंद कदमों की दूरी पर स्थापित शिवलिंग का विशेष महत्त्व है. ताजमहल के सबसे नजदीकी गांव नगला तल्फी के लोग यहां आज भी पूजा अर्चना करने आते है. लोगों ने बताया कि दूर दराज से भी लोग यहां अपनी मन्नत मांगने आते हैं. कहा जाता है कि यहां मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है.
दाऊजी महाराज का मंदिर भी यहां है, जो ताजमहल के पास स्थित है. बताया जाता है कि इस मंदिर में स्थापित मूर्तियां ताजमहल से भी पुरानी हैं. हालांकि 1830 में मंदिर की बिल्डिंग बनवाई गई थी. आगरा का यह प्राचीन दाऊजी महाराज का मंदिर भी अद्धभुत है. पुजारी हर रोज मंदिर में पूजा अर्चना करते है. हालांकि जब लोकल 18 की टीम मंदिर पहुंची तो मंदिर के पुजारी मौजूद नहीं थे. आसपास के लोगों ने बताया कि पुजारी सुबह या शाम के समय ही यहां पूजा करने आते हैं.

