21 साल की तिशा कुमार म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज के मालिक कृष्ण कुमार की बेटी और गुलशन कुमार की भतीजी हैं. लंबे समय से वह कैंसर की जानलेवा बीमारी से जूझ रहीं थी. इसके इलाज के लिए उन्हें जर्मनी भी ले जाया गया था. लेकिन 18 जुलाई को वह कैंसर से अपनी जिंदगी की जंग हार गयी. जिसके बाद उन्हें अंतिम संस्कार के लिए मुंबई लाया गया. बता दें फैमिली ने अभी तक इस बात का खुलासा नहीं किया है कि तिशा कुमार किसी कैंसर से ग्रसित थीं.
कैंसर का खतरा हर उम्र के व्यक्ति को होता है. लेकिन कुछ तरह के कैंसर फीमेल सेक्स को ज्यादा टारगेट करते हैं. यहां हम आपको ऐसे ही 5 तरह के कैंसर और इसके लक्षणों के बारे में यहां बता रहे हैं. ध्यान रखें कैंसर भले ही एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन शुरुआती स्टेज पर इसकी पहचान और समय पर इलाज से इससे पूरी तरह से ठीक हुआ जा सकता है.
महिलाओं में होने वाले कॉमन कैंसर
अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, कुछ कैंसर पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करते हैं. इसमें ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल, लंग्स, सर्वाइकल, एंडोमेट्रियल, ओवेरियन और स्किन कैंसर शामिल हैं.
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत का सबसे बड़ा कारण ब्रेस्ट कैंसर है. इसे शुरुआती स्टेज पर पहचानने के लिए रेगुलर स्क्रीनिंग मददगार होता है. ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों में स्तन- बगल में गांठ, स्तन में दर्द, निप्पल से ब्लीडिंग, स्तन की त्वचा आकार या बनावट में परिवर्तन शामिल हैं.
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कोलोरेक्टल कैंसर के संकेत
कोलोरेक्टल कैंसर आंत में होने वाला कैंसर है. आमतौर पर इसके शुरुआती लक्षण नजर नहीं आते हैं. इसलिए रेगुलर स्क्रीनिंग की सलाह दी जाती है. हालांकि कोलोरेक्टल कैंसर बढ़ने पर कुछ सामान्य रूप से अनुभव किए गए लक्षणों में आंत्र की आदतों में परिवर्तन, मल त्याग की आदतों में परिवर्तन, मल में रक्त और पेट में दर्द शामिल है.
सर्वाइकल कैंसर की पहचान
गर्भाशय (गर्भ) के सबसे निचले हिस्से होने वाले इस कैंसर से पी. ए. पी. स्मीयर स्क्रीनिंग और एच. पी. वी. वैक्सीन से बचा जा सकता है. लक्षणों में पीरियड्स और सेक्स के बाद ब्लीडिंग, वाइट डिस्चार्ज की दुर्गंध और पीठ के निचले हिस्से में दर्द या पेट के निचले हिस्से में दर्द शामिल है. हालांकि कुछ मामलों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं.
लंग्स कैंसर कैसा होता है
फेफड़ों में कैंसर धूम्रपान, सेकेंड हैंड स्मोक, कुछ विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना और फैमिली हिस्ट्री के कारण होता है. इसके लक्षणों में खांसी (अक्सर खून के साथ) छाती में दर्द, घरघराहट और वजन में कमी शामिल हैं. ये लक्षण अक्सर तब तक प्रकट नहीं होते जब तक कि कैंसर एडवांस स्टेज पर नहीं पहुंच जाता है.
एंडोमेट्रियल कैंसर को कैसे पहचानें
यह कैंसर गर्भ के अस्तर में शुरू होता है. मोटापा और मेटाबोलिक सिंड्रोम होने से एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. इसका संकेत असामान्य योनि रक्तस्राव है, जैसे रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव या मासिक धर्म के बीच रक्तस्राव है. अन्य लक्षणों में संभोग के दौरान श्रोणि दर्द और दर्द शामिल हो सकते हैं, लेकिन कुछ महिलाओं में कोई लक्षण नहीं होते हैं.
ओवेरियन कैंसर की विशेषता
यह कैंसर अंडे का उत्पादन करने वाले हिस्से में शुरू होता है. अंडाशय का कैंसर अक्सर तब तक अज्ञात रहता है जब तक कि यह पेल्विक और पेट के भीतर नहीं फैल जाता. ओवेरियन कैंसर में अक्सर शुरुआती चरणों में कोई लक्षण नहीं होते हैं. हालांकि कैंसर बढ़ने पर भी भूख में कमी और वजन में कमी जैसे मामूली लक्षण ही नजर आते हैं.
स्किन कैंसर कैसा नजर आता है
यह कैंसर त्वचा की कोशिकाओं में फैलता है. ज्यादा देर तक धूप में रहने वाले लोगों में इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है. यह कैंसर होने पर त्वचा पर गहरे भूरे धब्बे, तिल का रंग और आकार में बदलाव, ब्लीडिंग, दर्दनाक घाव जो खुजली या जलन की समस्या हो सकती है.
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