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स्वीडन में अपराध संगठन लड़कियों को 15 वर्ष की आयु से कम उम्र में हत्याओं के लिए भर्ती करते हैं

नई दिल्ली, 30 सितंबर। स्वीडन में एक नए प्रकार के गैंग वायलेंस का सामना किया जा रहा है, जहां अपराधी 15 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को वारदातों को अंजाम देने के लिए भर्ती करते हैं। टेलीग्राफ की एक जांच में यह खुलासा हुआ है कि लड़कियों को सोशल मीडिया के माध्यम से लुभाया जाता है और उन्हें वारदातों के लिए पैसे का वादा किया जाता है।

जांच में यह भी पता चला है कि गैंग नेताओं ने लड़कियों को ‘ग्रीन वुमन’ नाम दिया है। प्रॉक्यूरेटर लिसा डोस सैंटोस ने कहा है कि गैंग्स ने एक ऐसी जगह का फायदा उठाया है जहां पुलिस ने पहले लड़कियों को ध्यान में नहीं रखा था।

ब्रिटेन के एक आउटलेट ने बताया है कि गैंग्स ने लड़कियों को वारदातों के लिए भर्ती करने के लिए 15 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को लुभाया है। इन लड़कियों को वारदातों के लिए पैसे का वादा किया जाता है और उन्हें ऑनलाइन हैंडलर्स के माध्यम से निर्देश दिए जाते हैं।

जांच में यह भी पता चला है कि लड़कियों को वारदातों के लिए पैसे का वादा किया जाता है और उन्हें ऑनलाइन हैंडलर्स के माध्यम से निर्देश दिए जाते हैं। इन लड़कियों को वारदातों के लिए पैसे का वादा किया जाता है और उन्हें ऑनलाइन हैंडलर्स के माध्यम से निर्देश दिए जाते हैं।

एक मामले में यह बताया गया है कि एक 17 वर्ष की लड़की ओलिविया ने एक पेट्रोल बम हमले के लिए एक बैग में विस्फोटक सामग्री पहुंचाई थी। वह सोशल मीडिया के माध्यम से भर्ती हुई थी और उसने हमले के लिए सामग्री खरीदी थी। हमले के बाद, उसने अपने प्रेमी को संदेश भेजा कि काम ठीक से हुआ है।

स्टॉकहोम प्रॉक्यूरेटर इदा अर्नेल ने बताया है कि एक 15 वर्ष की लड़की को पूछा गया था कि वह एक प्रतिद्वंद्वी के दरवाजे पर गोली चलाना चाहती है या उसके सिर पर, और उसने सिर पर गोली चलाने का चुना था।

जांच में यह भी पता चला है कि 2023 में ही 280 लड़कियों को 15 से 17 वर्ष की आयु के बीच वारदातों के लिए चार्ज किया गया था। पुलिस का मानना है कि वास्तविक संख्या ज्यादा हो सकती है, क्योंकि कई मामले अन्यायपूर्ण हैं।

स्वीडन के न्याय मंत्री गुन्नार स्ट्रॉमर ने टेलीग्राफ के रिपोर्ट में कहा है कि लड़कियों की भागीदारी को एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा है कि लड़कियों की भागीदारी को पहले से अधिक व्यापक माना जा रहा था।

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