surprising results in drug trials in treatment of young patients suffering from rare ALS | ALS के मरीजों के लिए अच्छी खबर, दवाओं के ट्रायल में आए हैरान कर देने वाले रिजल्ट

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surprising results in drug trials in treatment of young patients suffering from rare ALS | ALS के मरीजों के लिए अच्छी खबर, दवाओं के ट्रायल में आए हैरान कर देने वाले रिजल्ट



Surprising Results in ALS Drug Trials: ALS, एक गंभीर बीमारी है जिसमें दिमाग और रीढ़ की हड्डी की नसें धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती हैं. इससे मरीज को चलने, बैलेंस बनाए रखने, शरीर को कॉर्डिनेट करने और यहां तक कि सांस लेने में भी कठिनाई होने लगती है. इसे ‘लू गेहरिग रोग’ भी कहा जाता है. अब तक जो दवाएं ट्राई की गई थीं, वे सिर्फ बीमारी की स्पीड को स्लो कर पाती थीं, लेकिन उलेफनेर्सन (जिसे पहले जैकीफ्यूसेन के नाम से जाना जाता था) नाम के इस नई दवा से कुछ मरीजों में तो कंडीशन पहले से बेहतर भी हो गई.
 
ट्रायल में हैरान कर देने वाले सुधार आएकोलंबिया यूनिवर्सिटी के न्यूरोलॉजिस्ट और वैज्ञानिक डॉ. नील श्नाइडर ने कहा कि आमतौर पर इस बीमारी की दवा से इतना सुधार देखने की उम्मीद नहीं होती. लेकिन इस बार एक मरीज में तो हैरान कर देने वाला सुधार देखा गया. डॉ. श्नाइडर और उनकी टीम ने इस दवा की टेस्ट ऐसे 12 मरीजों पर किया, जिन्हें एएलएस की एक खास किस्म थी जो ‘एफयूएस’ नाम का जीन में खराबी की वजह से होती है. यह किस्म बहुत एग्रेसिव होती है और अक्सर किशोरों या युवाओं में शुरू होती है.
 
ऐसे आए रेजल्कइन मरीजों में दो के नतीजे बेहद अच्छे रहे. एक युवती को 2020 से यह दवा दी जा रही है. पहले वह चल नहीं पाती थी और सांस लेने के लिए मशीन की जरूरत थी. अब वह बिना सहारे चल सकती है और बिना वेंटिलेटर के सांस ले सकती है. ऐसे ही एक 35 साल के पुरुष मरीज में बीमारी शुरू होने के लक्षण नहीं थे. लेकिन मसल्स की जांच में सिग्नल मिले थे. उसे तीन साल से लगातार यह दवा दी जा रही है और आज तक उसमें कोई लक्षण नहीं दिखे. छह महीने की दवा के बाद मरीजों में नर्व डैमेज को दर्शाने वाला एक खास प्रोटीन (न्यूरोफिलामेंट लाइट) 83% तक कम हो गया. यह दिखाता है कि दवा ने असर दिखाया.
 
सही समय पर इलाज जरूरीहालांकि सभी मरीजों की हालत में सुधार नहीं हुआ, लेकिन कुछ की बीमारी स्लो हुई और उन्होंने तुलनात्मक लंबा जीवन जिया. इस दवा को अब पूरी दुनिया में और बड़े लेवल पर आजमाया जा रहा है. डॉ. श्नाइडर ने कहा, “अगर हम सही समय पर इलाज शुरू करें और सही लक्ष्य पर ध्यान दें, तो सिर्फ बीमारी को रोकना ही नहीं बल्कि कुछ नुकसान को भी पलटा जा सकता है.”–आईएएनएस
 
Disclaimerयहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



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