Last Updated:May 16, 2025, 09:36 ISTMathura News: सुप्रीम कोर्ट ने वृंदावन में श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. 500 करोड़ रुपये की लागत से 5 एकड़ जमीन खरीदी जाएगी. यह प्रोजेक्ट धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा और मथुरा की स…और पढ़ेंMathura News: बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी (AI Generated Image)हाइलाइट्ससुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी कॉरिडोर को मंजूरी दी.500 करोड़ की लागत से 5 एकड़ जमीन खरीदी जाएगी.प्रोजेक्ट धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा.मथुरा. सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा के वृंदावन में श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है. जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को मंदिर के फिक्स्ड डिपॉजिट से 500 करोड़ रुपये की लागत से 5 एकड़ जमीन खरीदने की अनुमति दी. यह जमीन ठाकुर बांके बिहारी जी के नाम पर रजिस्टर होगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के 8 नवंबर 2023 के आदेश को संशोधित करते हुए यह फैसला लिया गया, जिसने मंदिर के फंड के उपयोग पर रोक लगा दी थी.
बांके बिहारी मंदिर में रोजाना 30,000-40,000 श्रद्धालु दर्शन करते हैं, जो सप्ताहांत में 1.5 लाख और जन्माष्टमी जैसे त्योहारों पर 5 लाख तक पहुंच जाता है. 2022 में भीड़ के कारण हुई भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की जान गई थी, जिसके बाद बेहतर बुनियादी ढांचे की जरूरत महसूस की गई. यह कॉरिडोर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर बनाया जाएगा, जिसमें पार्किंग, धर्मशाला, शौचालय, सुरक्षा चौकियां और अन्य सुविधाएं होंगी. यमुना नदी के तट से मंदिर तक तीन मार्ग- जुगलघाट, विद्यापीठ चौराहा और जदौन पार्किंग- श्रद्धालुओं के लिए सुलभ होंगे.
जमीन का स्वामित्व मंदिर ट्रस्ट के पास
यह प्रोजेक्ट मथुरा-वृंदावन को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाएगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, स्थानीय गोस्वामी और दुकानदारों ने 2023 में विस्थापित होने के डर से विरोध किया था. सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जमीन का स्वामित्व मंदिर ट्रस्ट के पास रहे और वैष्णव परंपरा के जानकार प्रशासकों को नियुक्त किया जाए. यह कॉरिडोर न केवल श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक दर्शन प्रदान करेगा, बल्कि मथुरा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को भी संरक्षित करेगा. यह प्रोजेक्ट भक्ति और विकास का अनूठा संगम साबित होगा.
रोजगार के अवसर होंगे उपलब्ध
मथुरा-वृंदावन पहले से ही धार्मिक पर्यटन का केंद्र है. यह कॉरिडोर होटल, परिवहन, और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देगा, जिससे हजारों रोजगार सृजित होंगे. हालांकि, स्थानीय दुकानदारों का विस्थापन आर्थिक असंतुलन पैदा कर सकता है, जिससे निपटना सरकार के लिए चुनौती साबित हो सकती है.
Amit Tiwariवरिष्ठ संवाददाताPrincipal Correspondent, LucknowPrincipal Correspondent, Lucknow भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :Mathura,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshबांके बिहारी कॉरिडोर को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी, 500 करोड़ से बनेगा भव्य परिसर